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सेना में ऑफिसर बनीं शहीद मेजर की पत्नी निकिता, जैश से मुठभेड़ में न्योछावर हुए थे पति

पति की मृत्यु के छह महीने बाद ही निकिता ने शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) परीक्षा और सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) का इंटरव्यू पास किया था. जिसके बाद वह चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में प्रशिक्षण ले रही थीं.

मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी हैं निकिता ढौंडियाल मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी हैं निकिता ढौंडियाल
दिलीप सिंह राठौड़/अभिषेक भल्ला
  • देहरादून,
  • 29 मई 2021,
  • अपडेटेड 3:25 PM IST
  • जैश अतंकियों से एनकाउंट में हुए थे शहीद
  • पत्नी निकिता बनीं सेना में अफसर
  • सीएम तीरथ ने ट्वीट कर दी बधाई

साल 2019 में हुए पुलवामा हमले में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी निकिता ढौंडियाल शनिवार को भारतीय सेना में शामिल हो गईं. देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती हुईं निकिता ने पहली बार सेना की वर्दी पहनी. निकिता ढौंडियाल ने अपने पति को श्रद्धांजलि दी.

पुलवामा में आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद के हमले में उनके पति शहीद हो गए थे. सेना में भर्ती होने के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने खुद अपने हाथों से उनके कंधे पर स्टार लगाए. निकिता असफर बनकर सेना में आईं हैं. उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी ट्वीट कर दी निकिता को बधाई दी. बता दें कि निकिता कॉरपोरेट वर्ल्ड की नौकरी छोड़कर अपने शहीद पति को श्रद्धांजिल देने के लिए सेना में शामिल हुई हैं.

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पति की मृत्यु के छह महीने बाद ही निकिता ने शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) परीक्षा और सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) का इंटरव्यू पास किया था.जिसके बाद वह चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में प्रशिक्षण ले रही थीं. साल 2019 में एक इंटरव्यू के दौरान निकिता ने लोगों से सहानुभूति जताने की बजाए एकता और मजबूती के साथ खड़ा रहने की अपील की थी. 

देहरादून के रहने वाले मेजर ढौंडियाल पुलवामा में जैश के आतंकियों से हुए मुठभेड़ में शहीद हुए चार जवानों में शामिल थे. इस एनकाउंटर में 14 फरवरी को हुए पुलमामा हमले के मास्टरमाइंड और जैश कमांडर कामरान को मार गिराया गया था.

अपने पति मेजर विभूति और अन्य शहीदों  की तारीफ करते हुए निकिता ने कहा था कि मुझे गर्व है. हम सभी आपसे प्यार करते हैं. आप जिस तरह से लोगों से प्यार करते हैं वो पूरी तरह अलग है. आपने अपनी जान लोगों के लिए त्याग दी. ऐसे लोगों के लिए जिनसे आप कभी मिले भी नहीं. आपने लोगों को जिंदगी दी है.

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