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Uttarakhand: टिहरी के रोहित ने माउंट किलिमंजारो किया फतह, दिवंगत साथियों को दी श्रद्धांजलि

पर्वतारोही रोहित भट्ट ने तनजानिया स्थित माउंट किलिमंजारो को फतह किया है. उन्होंने 28 जनवरी की सुबह इस उपलब्धि को हासिल किया. देश का नाम रोशन करने वाले रोहित उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के रहने वाले हैं. रोहित ने माउंट किलिमंजारो की चोटी पर पहुंच कर तिरंगा झंडा फहराया. साथ ही अपने दिवंगत साथियों को श्रद्धांजली दी.

माउंट किलिमंजारो की चोटी पर रोहित भट्ट (दाएं). माउंट किलिमंजारो की चोटी पर रोहित भट्ट (दाएं).
कृष्ण गोविंद कंसवाल
  • टिहरी गढ़वाल,
  • 30 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST

उत्तराखंड (Uttarakhand) के टिहरी जिले के युवक ने देश का नाम रोशन किया है. पर्वतारोही रोहित भट्ट (Mountaineer Rohit Bhatt) का नाम के पर्वतारोही ने अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी तंजानिया (Tanzania) स्थित माउंट किलिमंजारो (Mount Kilimanjaro) को फतह किया है. उन्होंने 28 जनवरी की सुबह यह उपलब्धि पाई. रोहित की इस सफलता से उनके परिवार और गांव में उत्साह का माहौल है. 

19 हजार 340 फीट ऊंचा है माउंट किलिमंजारो

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बताया गया है कि पर्वतारोही रोहित भट्ट टिहरी जिले के विकास खंड भिलंगना के खाल पाली कोटी के रहने वाले हैं. युवा पर्वतारोही रोहित भट्ट ने 28 जनवरी की सुुबह 19 हजार 340 फीट ऊंचे माउंट किलिमंजारो को चढ़ने में सफलता पाई.

रोहित की सफलतापूर्वक आरोहण करने की खबर उनके गांव वालों को मिली, तो पूरा गांव खुशी से झूम उठा. किलिमंजारो शिखर की ऊंचाई 5895 मीटर अर्थात 19341 फीट है. यह शिखर तंजानिया देश में स्थित है. ठीक भूमध्य रेखा पर स्थित यह एक ज्वालामुखी शिखर है, जो इतिहास काल से ही निष्क्रिय है. 

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मौत को दे चुके हैं मात

रोहित भट्ट 4 अक्टूबर 2022 को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के एडवांस प्रशिक्षण के दौरान द्रोपदी का डांडा में दुर्घटना में बाल-बाल बचे थे. उस दुर्घटना में उसके अधिकांश प्रशिक्षणार्थी साथियों की दुखद मृत्यु हो गई थी.

रोहित ने तत्काल बचाव और राहत के दौरान अपने कुछ साथियों को बचाया और बाद में कुछ साथियों के शव को खाई से निकालने में रेस्क्यू टीम की मदद की थी. 

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चोटी फतह कर दिवंगत साथियों को दी श्रद्धांजलि

जब रोहित ने माउंट किलिमंजारो को फतह की, तो उन्होंने अपने दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि दी. रोहित अपने साथ दिवंगत साथियों की तस्वीर वाला बैनर साथ ले गए थे. जब वह चोटी पर पहुंचे, तो उन्होंने तिरंगा फहराने के साथ ही वहां से सभी को श्रद्धांजलि दी.

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