ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला पुल के उपयोग पर प्रतिंबध लगाया गया था. पुल का सपोर्टिंग वायर टूटने के बाद यह फैसला लिया गया था. कोलकाता के सेठ ने पुल का निर्माण कराया था. फिर 1924 में इलाके में आई बाढ़ में पुल बह गया था. बाद में इसकी फिर से मरम्मत कर और मजबूती के साथ तैयार किया गया था.