आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और मशहूर कवि कुमार विश्वास ने आजतक से खास बातचीत की और कविताओं के माध्यम से काफी कुछ कहा. उन्होंने कहा कि राजनीति संवेदनहीन है. कविता और सत्ता की इतनी रिश्तेदारी है कि मौन रहो तो सबसे बेहतर...साथ रहो आभारी है... सत्ता से कविता की केवल इतनी रिश्तेदारी है. सारी दुविधा प्रतिशत पर है, सच कितना बोला जाए...गूंगे सिखा रहे हैं हमको मुंह कितना खोला जाए...