सियासत का ये कैसा दौर है जहां शहादत का धर्म तय कर दिया जाता है. सियासत की ये कैसी मजबूरी है कि फौज को मजहब में बांट दिया जाता है. बता सकते हैं तो ये भी बताइए कि वर्दी का मजहब क्या है. बताइए तिरंगे का धर्म, देश प्रेम का धर्म...