कोरोना के चलते देश में लगाया गया लॉकडाउन गरीब और दिहाडी मजदूरों पर कहर साबित हो रहा है. ऐसे ही एक दिहाडी मजदूर से आजतक संवाददाता ने बात की. उस मजदूर ने बताया कि मजदूरी करने के दौरान ही उसके एक हाथ की हड्डी टूट गई. अब वह पैसों की कमी के चलते दवाई के लिए 155 रुपए जुटाना तो दूर खाने के लिए भी मोहताज है. दिल्ली के कश्मीरी गेट से आजतक संवाददाता पंकज जैन की रिपोर्ट में सुनिए एक दिहाड़ी मजदूर का दर्द.