एक ग्यारह में हम आपको दिखाएंगे कि सरकार की चुस्ती के दावे कैसे परचाचोरों के सामने दम तोड़ देते हैं और कैसे 19 लाख बच्चों का भविष्य हवा में हिल रहा है. हम आपको ये भी दिखाएंगे कि दंगों में सबसे ज्यादा झुलसे आसनसोल की ग्राउंड रिएलिटी क्या है और क्या महाराष्ट्र मुख्यमंत्री के दफ्तर में एक साल में तीन करोड़ रुपये की चाय गटकी गई.
सीबीएसई की सबसे चुस्तदुरुस्त और सही तरीके से इम्तिहान के दावे की धज्जियां उड़ गई हैं. दसवीं के गणित और बारहवीं के अर्थशास्त्र के परचे छात्रों तक परीक्षा केंद्र पर पहुंचने से पहले ही ह्वाट्सअप पर तैरने लगे. अब इसमें दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच दस टीम बनाकर जांच कर रही है. दिल्ली और आसपास के इलाकों मे छापेमारी के बाद दिल्ली पुलिस को पता चला है कि मास्टरमाइंड मियावली इलाके का रहने वाला है. दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में जुटी है. साथ ही पुलिस एक कोचिंग सेंटर और प्रिंटिंग प्रेस की भी जांच कर रही है. परचाचोरों का ये गैंग एक बच्चे से दस हजार से 15 हजार रुपये लेता था. एक बार पैसा मिल जाने पर वो इम्तिहान से एक रात पहले उस तक पेपर पहुंच जाता था.