एग्जिट पोल ने एक बार फिर से ये दिखा दिया कि मोदी के गुजरात मॉडल के सामने हर मुद्दा बौना है. गुजरात चुनाव से पहले ध्रुव तारे की तरह चमके हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी भी इतिहास की बात होते दिख रहे. ऐसे में सवाल है कि क्या पाटीदारों के सवाल मोदी के विकास फार्मूले के सामने थम गये? दलितों का गुस्सा कोई असर नहीं दिखा पाया? किसानों की मुश्किलें वाइब्रेंट गुजरात के कारपेट तले दब गई?