पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश से मैदानी इलाकों में नदियां समंदर में तब्दील हो गई हैं. ज्यादातर इलाकों में या तो उफनती नदियों का पानी खतरे के निशान को पार कर गया है या खतरे के निशान को छूने के लिए बेताब है. ऐसे में बाढ़ के डर से नदियों के किनारे रहने वाले लोगों की सांस लगातार ऊपर-नीचे हो रही है.