मौका था विश्व युद्ध में रूस के विजय की पचहत्तरवीं वर्षगांठ का. रूस के सैनिकों के साथ 75 सदस्यों वाले भारतीय दल की ये कदम ताल आफरीन कर गई, देशभक्तों के दिलों को दिवाना बना गई. विक्ट्री मेमोरियल की तरफ गर्दन तिरछी कर भारत की टुकड़ी चली तो मानो ऐसा लग रहा था कि वो दूसरे विश्वयुद्ध के वीरों से साक्षात बात कर रही हो. काबिले-ए-जिक्र हैं देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वो इस विक्ट्री डे परेड में शामिल हुए, बिना मास्क लगाये. मास्क तो उन्होंने चीन की हर साजिश पर लगा दिया है, इतना तगड़ा कि भीतर से बू तक नहीं आ सकती. इस दौरे पर रक्षामंत्री ने वो किया है कि जो चीन कत्तई नहीं चाहता था. लेकिन फिर भी अपनी हरकतों से चीन बाज नहीं आ रहा है. देखें कैसे साइबर अटैक का रास्ता अपना रहा है चीन.