फरवरी 2016 में जेएनयू में कथित देश विरोधी नारे लगाए जाने के बाद देश भर में राष्ट्रवाद पर चर्चा छिड़ गई. घटना के बाद उस समय जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार को राष्ट्रद्रोह की धारा में गिरफ्तार किया गया. घटनाक्रम चलता रहा और आज पूरा एक साल बीतने के बाद भी जेएनयू प्रकरण मे चार्जशीट दाखिल नहीं हो पाई.
आजतक द्वारा जेएनयू में लगाए गए नारों की वॉयस सैंपल की फॉरेंसिक पड़ताल में पता चला है कि कन्हैया की आवाज उन नारों में मौजूद नहीं है, लेकिन उमर खालिद और अनिर्बान की आवाज मौजूद है.