आज आरुषि होती तो 22 साल की होती. कहीं जॉब कर रही होती. या कहीं कोई रिसर्च कर रही होती या फिर खेल के मैदान में झंडे गाड़ रही होती... आज आरुषि नहीं है। बस उसकी यादें हैं. मां-बाप के दिलों में...तस्वीरों में और कविताओं में.