जेएनयू और रामजस कॉलेज में आजादी के नारों पर बवाल मचा तो लेफ्ट छात्र संगठनों ने अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटने का आरोप लगाया. लेकिन अब एक नया विवाद खड़ा हुआ है. बीजेपी नेता शाजिया इल्मी ने आरोप लगाया है कि जामिया में उन्हें बोलने से रोका गया. जामिया प्रशासन के दबाव में सेमिनार से उनका नाम हटाय़ा गया.
क्या आज़ादी के नाम पर कुछ भी कहा या बोला जा सकता है? ये सवाल एक बार फिर बहस की धुरी बन चुका है. और वजह है ठीक जेएनयू की तरह दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में लगे देश विरोधी नारे। दरअसल डीयू से अब एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें उमर खालिद और शहला राशिद के एक कार्यक्रम पर रोक लगाए जाने के बाद कुछ छात्र यहां भी देश विरोधी नारे लगाते हुए दिख रहे हैं.