संजय सिन्हा सुना रहे हैं अपने एक परिचित की कहानी, जो एक शहर में रहता है. वह इस घर में कई साल से जा रहे थे. इस परिवार में एक अंकल-आंटी और इनके एक बेटा-बेटी थे. यह परिवार काफी खुशहाल था. संजय सिन्हा का इनके साथ एक तरह का पारिवारिक रिश्ता बन गया था. सब कुछ ठीक था, कई साल बाद उनके बेटी की शादी हुई, बेटी ब्याह कर अमेरिका चली गई. कुछ साल बाद बेटे की भी शादी हो गई. बेटे की शादी के बाद आंटी उदास हो गईं, उनका बहू से झगड़ा होने लगा... आंटी बहुत ज्यादा बोलती थीं. संजय सिन्हा ने आंटी को सलाह दी कि आप बहू से कम बोला करिए उन्हें अपने हिसाब से घर चलाने दीजिए. संजय सिन्हा की सलाह कैसे परिवार में बनाए रख सकती है शांति, जानने के लिए यहां सुनें पूरी कहानी...