इन दिनों राजनीति में कम बोलने वाले धुरंधर नेता शरद पवार एक दिन पहले बहुत कुछ बोले. अपनी किताब के विमोचन पर उन्होंने बहत से अनुभव साझा किये लेकिन सावरकर के बहाने गोहत्या के प्रश्न पर कुछ ऐसा कह दिया जिस पर सवाल उठना लाजिम है.