तमिलनाडु विधानसभा में सत्र शुरू होते ही हंगामा हो गया. डीएमके और एआईएडीएमके की तरफ से नारेबाजी की गई. ओ पन्नीरसेल्वम ने गुप्त मतदान के लिए प्रस्ताव दिया, जिसका डीएमके नेता स्टालिन ने भी समर्थन किया.