तीन तलाक कानून के खिलाफ दाखिल जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कोर्ट तीन तलाक कानून की वैधता का परीक्षण करने को तैयार है. इसके लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई धार्मिक प्रैक्टिस को गलत करार/अपराध करार दिया हो, जैसे दहेज/सती आदि. ऐसे में क्या इसे अपराध की सूची में नहीं रखेंगे? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पाबंदी और अपराध घोषित होने के बावजूद ऐसी घटनाएं हो रही हैं. इसमें अधिकतम तीन साल की सजा भी है. वीडियो देखें.