उद्धव ठाकरे की जिद ने महाराष्ट्र में सियासत को ये करवट लेने पर मजबूर किया. उद्धव ठाकरे ने अब तक अपने पिता बाल ठाकरे के साये में रहकर ही सियासत की थी, लेकिन ये पहली बार है जब वो अपनी राजनीति को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं. वैसे यहां ये बात भी समझनी होगी कि उद्धव ठाकरे को राजनीति भले विरासत में मिली हो लेकिन 2003 में शिवसेना की कमान हासिल करने के बाद से वो पार्टी को कई मुश्किल हालात से निकालकर यहां तक लेकर आए हैं. देखें उद्धव ठाकरे की शुरुआत से किंगमेकर बनने तक का सफर.