अगर आप सुबह-शाम हंसने की आदत डाल लें तो कोई भी बीमारी, चाहे मानसिक हो या शारीरिक आपके पास भी नहीं आएगी. इसीलिए हम आपके लिए कुछ ऐसे मजेदार चुटकुले लेकर आए हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद आप हंसते-हंसते लोटपोट हो जाएंगे. तो चलिए शुरू करते हैं हंसने-हंसाने का ये सिलसिला...
पति (मसका लगाते हुए) - आप बहुत भोली हैं
आपको कोई भी बेवकूफ बना देता है.
पत्नी - शुरुआत तो तुम्हारे पापा ने की थी
पति हाथ-पांव छिलवाकर और एक आंख सुजवाकर घर आया…
पत्नी ने घबराकर पति से पूछा : क्या हुआ ???
पति- कुछ नहीं, एक औरत स्कूटी से टक्कर मार के निकल गई
पत्नी- तो उसके स्कूटर का नंबर नोट किया, कौन थी ?? कुछ तो याद होगा
पति- नहीं, दर्द के कारण स्कूटर का रंग और नंबर तो नहीं देख पाया पर बहुत गोरी व सुनहरे बाल वाली थी. उसने गहरे हरे रंग का सूट पहना था, गुलाबी कलर की चूड़ियां , गहरे लाल कलर की लिपस्टिक, कानों में हीरे की बालियां थी, हाथों में मेहंदी लगी थी और हां दाएं गाल पर होठों के पास तिल भी था … इतना बताते ही पतिदेव की दूसरी आंख भी सूज गई.
डॉक्टर- अब क्या हाल है?
मरीज- पहले से ज़्यादा खराब है.
डॉक्टर- दवाई खाली थी क्या?
मरीज़- नहीं दवाई की शीशी तो भरी हुई थी.
डॉक्टर- मेरा मतलब दवाई लेली थी?
मरीज़- आप ने दी तो मैंने लेली.
डॉक्टर- बेवकूफ दवाई पीली थी?
मरीज़- नहीं दवाई तो लाल थी.
डॉक्टर- गधे दवाई को पीलिया था?
मरीज़- नहीं जी पीलिया तो मुझे था.
डॉक्टर- बेहोश
पति के जन्मदिन पर पत्नी- क्या गिफ्ट दूं?
पति- तुम मुझे इज्ज़त दो, कहना मानों यही काफी है.
पत्नी- तुम्हें भी फिर यही देना चाहिए..... मैं तो गिफ्ट ही दूंगी.
एक बार पति-पत्नी घूमने जा रहे थे...
रास्ते मे गधा मिला, पति को मजाक सूझा...
पति - आपके रिश्तेदार हैं, नमस्ते करो
पत्नी भी कम नहीं थी…
बोली, “ससुर जी नमस्ते”
टिल्लू - ऐसा लगता है कि वो लड़की ऊंचा सुनती है.
मैं कुछ कहता हूं वो कुछ और ही बोलती है.
किल्लू - वो कैसे?
टिल्लू - मैंने कहा… आई लव यू,
तो वह बोली मैंने कल ही नए सैंडल खरीदे हैं…
दुकानदार- कैसा सूट दिखाऊं?
महिला- पड़ोसन तड़प-तड़प कर दम तोड़ दे ऐसा.
टीचर- संजू यमुना नदी कहां बहती है ?
मौंटू- जमीन पर
टीचर- नक्शे में बताओं कहां बहती है ?
मौंटू- नक्शे में कैसे बह सकती है, नक्शा गल नहीं हो जाएगा.
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा... ... गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य बिल्कुल भी नहीं है.)