जिस तरह अच्छा खान-पान किसी भी इंसान के सेहतमंद रहने के लिए जरूरी होता है, उसी प्रकार हंसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाती है. अगर आप सुबह-शाम हंसने की आदत डाल लें तो मानसिक तनाव से दूर रह सकते हैं. आइए पढ़ते हैं सोशल मीडिया पर वायरल जोक्स और चुटकुले.
> पत्नी - चलो आज एक गेम खेलते हैं.
पति - ठीक है?
पत्नी - जब मैं कलर का नाम लूं, तो तुम बाईं दीवार को हाथ लगाना और फल का नाम लूं,
तो दाहिनी दीवार को हाथ लगाना.
पति - अगर मैं जीत गया तो?
पत्नी - जो हारेगा वो जीतने वाले की हर बात मानेगा और वो भी जिंदगी भर.
पति (खुश होते हुए) - ये गेम तो मैं ही जीतूंगा, चलो खेलते हैं.
पत्नी - ठीक है तो शुरू करते हैं, 'ऑरेंज'.
कलर बोली या फल...पति ने पत्नी के आगे कर दिया सरेंडर!
> लड़की वाले शादी के लिए देखने आ रहे थे.
पापा - बेटा लड़की वाले आ रहे हैं,
उनके सामने थोड़ी लंबी-लंबी फेंकना.
लड़की वालों के आते ही बेटा बोला - पापा जरा चाबी देना,
वो प्लेन धूप में खड़ा कर दिया है, अंदर कर देता हूं.
> गुरुजी- बच्चों मुझे बताओ कि पहले जिस जगह का नाम मद्रास था, अब उसे किस नाम से जाना जाता है ?
बच्चा- चेन्नई.
गुरुजी -बिल्कुल सही जवाब.
अब मुझे बताओ कि चेन्नई ये नाम क्यों रखा गया?
बच्चा- सर, वहां के लोग लुंगी पहनते हैं.
और लुंगी को पैंट की तरह चेन नहीं होती, इसलिए (चेन नहीं) चेन्नई नाम रखा गया.
> बाबा- तुम्हें जीवन में क्या चाहिए?
युवक- बाबा पैसा.
बाबा- पैसे को साइड में रखो, अब बताओ क्या चाहिए?
युवक- बाबा साइड में रखे पैसे.
बाबा हुए हैरान!
> अंकल- बेटा क्या करते हो?
शख्स- अंकल मैं ‘बाबू’ हूं
अंकल- वाह, तुम क्लर्क हो?
शख्स- नहीं अंकल मैं ‘बाबू’ हूं
अंकल- तू है क्या?
शख्स- अरे अंकल, मैं ‘बाबू’ हूं आपकी बेटी का,
आपकी बेटी मुझे हमेशा कहती है- ‘मेरा बाबू’
अंकल बेहोश.
> पत्नी - मैं जो भी काम करती हूं, उसमें पूरी तरह डूब जाती हूं.
पति - तुम कुआं क्यों नहीं खोदती?
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य कतई नहीं है.)