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> एक बार एक दादा-दादी ने जवानी के दिनों को याद करने का फैसला किया…
अगले दिन दादा फूल लेकर वहीं पहुंचे जहां वो जवानी में मिला करते थे,
वहां खड़े-खड़े दादा के पैरों में दर्द हो गया
लेकिन दादी नहीं आईं,
घर जाकर दादा गुस्से से, “आईं क्यों नहीं?
दादी शर्माते हुए,' मम्मी ने आने नहीं दिया'.
> लड़की देखने हरीश सपरिवार पहुंचा.
उनके सामने लड़की के गुणों की प्रशंसा की जा रही थी.
लड़की वालों ने कहा, 'सीमा की आवाज कोयल जैसी है,
उसकी गर्दन तो मोरनी के जैसी है, चाल हिरणी जैसी और स्वभाव में से तो गाय है.'
हरीश ने कहा, 'जी, क्या इसमें कोई इंसानी गुण भी हैं?
> बॉस - छुट्टी क्यों चाहिए तुम्हें?
एम्प्लॉयी - सर, लेकर देखनी है... कैसी लगती है?
> चोर ने एक आदमी को बाजार में घेर लिया
आदमी- मुझे घर जाने दो
चोर- तेरी जेब में जितना भी पैसा है सब निकाल के दे दे.
आदमी- भाई साहब जेब तो खाली है कहो तो Paytm कर दूं.
> बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड साथ में खाना खा रहे थे...
गर्लफ्रेंड- बात सुनो जरा...
बॉयफ्रेंड- चुप रहो, खाते टाइम बात नहीं करते हैं.
गर्लफ्रेंड- ठीक है.
बॉयफ्रेंड (खाने के बाद)- अब बोलो.
गर्लफ्रेंड: तुम्हारी प्लेट में कॉकरोच था और बनो स्मार्ट.
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> टल्लू - कल मैंने रॉकेट छोड़ा
तो सीधे सूरज से जा टकराया,
मोनू - क्या बात कर रहा है?
फिर क्या हुआ?
टल्लू - फिर क्या?
मेरी पिटाई हुई.
मोनू - किसने मारा?
टल्लू- सूरज की मम्मी ने...
> सुबह-सुबह पत्नी नींद से उठते ही बोली, “अजी सुनते हो?”
पति- बोलो! क्या हुआ?”
पत्नी- मुझे सपना आया कि आप मेरे लिए हीरों का हार लेकर आए हो
पति- ठीक है, तो वापिस सो जाओ और पहन लो.
> डॉक्टर- जब तुम तनाव में होते हो क्या करते हो?
मरीज- जी, मंदिर चला जाता हूं...
डॉक्टर- बहुत बढ़िया, ध्यान-व्यान लगाते हो वहां?
मरीज- जी नहीं, लोगों के जूते चप्पल मिक्स कर देता हूं, फिर उन लोगों को देखता रहता हूं...
उनको तनाव में देख कर मेरा तनाव दूर हो जाता है.
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य कतई नहीं है.)