Advertisement

Jokes: सोनू ने पूछी अपनी कीमत तो पापा ने कर दी चप्पलों की बरसात, पढ़ें जोक्स

Funny Jokes: वैसे तो हंसने-हंसाने के लिए किसी बहाने की जरूरत नहीं होती, लेकिन आपके ठहाकों में छिपी खुशहाली आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. खुलकर हंसने से सारा स्ट्रेस बाहर निकल जाता है. इससे आप बिल्कुल तनाव मुक्त रहते हैं.

Latest Jokes Latest Jokes
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:42 PM IST

Latest Jokes and chutkule in Hindi: जो लोग अधिक हंसते हैं वे लंबे समय तक युवा दिखते हैं. हंसने से चेहरे की मांसपेशियों की एक्सरसाइज होती है, जिससे चेहरे पर जल्दी झुर्रियां नहीं पड़ती. तो एंटी-एजिंग उत्पाद पर पैसे बहाने के बजाय हंसकर ही खुद को जवां रखें. हम आपके लिए लाए हैं कुछ ऐसे जोक्स जिसे पढ़कर आप अकेले भी हों तो भी हंसते-हंसते लोटपोट हो जाएंगे.

Advertisement

एक छोटे शहर का लड़का दिल्ली घूमने  गया,
अपने शहर वापस आया और अपने दोस्तों से बोला
पता है जितनी भीड़ दिल्ली वालों की शादी में होती है,
उससे ज्यादा भीड़ तो अपने यहां तब होती है जब खराब ट्रांसफॉर्मर ठीक होता है.

किसी शादी में पंडित जी ने दूल्हे का हाथ दुल्हन के हाथ में थमा दिया.
एक बच्चा ये देख रहा था, 
उसने अपने पिता से पूछा -पिताजी दूल्हा और दुल्हन आपस में हाथ क्यों मिला रहे हैं ?
पिता ने उत्तर दिया - बेटा, पहलवान अखाड़े में उतरने से पहले हाथ जरूर मिलाते हैं !

ऐसे ही मज़ेदार जोक्स पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

सोनू  - पापा, तुम्हारे लिए मेरी क्या कीमत है?
पापा - बेटा तू तो करोड़ों का है...
सोनू  - तो उसी करोड़ों मे से 25000 रुपये देना, गोवा घूमने जाना है!!!
फिर पापा ने सोनू पर की चप्पलों की बरसात कर दी और खूब धोया.

Advertisement

> रमेश दर्जी के पास गया और उससे पूछा- पैंट की सिलाई कितने की है?
दर्जी - 300 रुपए...
रमेश - और निक्कर की...?
दर्जी - 100 रुपए...
रमेश (कुछ देर सोचकर) - तो फिर निक्कर ही सिल दो, बस लंबाई पैरों तक कर देना...

सोचा था दो शादियां करुंगा
1 पीटेगी तो दूसरी बचाएगी
रात को सपना देखा, एक ने पकड़ रखा था,
दूसरी पीट रही थी.

(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा... गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य बिल्‍कुल भी नहीं है)

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement