
सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल एक रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में बताया गया है कि देश भर की अदालतों में सांसदों और विधायकों के खिलाफ करीब 5 हजार मामले अभी भी पेंडिंग हैं. ये संख्या दिसंबर 2018 के बाद से 17% बढ़ गई है.
एमिकस क्यूरी और सीनियर वकील विजय हंसारिया (Vijay Hansaria) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ पेंडिंग आपराधिक मामलों में दो साल से भी कम समय में 17% की बढ़ोतरी हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2018 तक सांसदों और विधायकों के खिलाफ अदालतों में 4,122 आपराधिक मामले पेंडिंग थे, जिनकी संख्या सितंबर 2022 तक बढ़कर 4,859 हो गई है. इस रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि दो साल में चुने गए कई सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि राज्य सरकारों ने अपनी पार्टी के कई सांसदों और विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामलों को वापस भी ले लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी सरकार ने ऐसे 76 मामलों को रद्द कर दिया है. इनमें संगीत सोम, कपिल देव, सुरेश राणा और साध्वी प्राची जैसे नाम शामिल हैं.
देश भर में सांसदों और विधायकों के खिलाफ पेंडिंग आपराधिक मामलों के जल्द निपटारे के लिए पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से निचली अदालत में लंबित ऐसे मुकदमों की खुद निगरानी करने को कहा था. इसके साथ ही ये भी कहा था कि अगर किसी मुकदमे पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी हो तो उसे भी जल्द से जल्द हटाया जाए.