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आजम खान हेट स्पीच मामले में दोषी करार, रामपुर कोर्ट ने दो साल की सुनाई सजा

Azam Khan Hate Speech: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को हेट स्पीच मामले में रामपुर की कोर्ट ने शनिवार को दोषी करार दिया है. कुछ देर में कोर्ट सजा का ऐलान कर सकती है. आजम पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान शहजाद नगर थाना क्षेत्र के धमोरा में हेट स्पीच देने का आरोप लगा था.

रामपुर में 2019 में दिए हेट स्पीच मामले में आजम दोषी करार (फाइल फोटो) रामपुर में 2019 में दिए हेट स्पीच मामले में आजम दोषी करार (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 15 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 4:12 PM IST

Azam Khan Hate Speech: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को हेट स्पीच मामले में रामपुर की कोर्ट ने शनिवार को दोषी करार दिया है. कुछ देर में कोर्ट सजा का ऐलान कर सकती है. आजम पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान शहजाद नगर थाना क्षेत्र के धमोरा में हेट स्पीच देने का आरोप लगा था. उनके खिलाफ 8 अप्रैल को केस दर्ज किया गया था. आरोप है कि आजम ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, तत्कालीन रामपुर जिला चुनाव अधिकारी और चुनाव आयोग को निशाना बनाते हुए भड़काऊ भाषण दिया था.

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एक अन्य केस में पाए गए थे दोषी, बार में हुए बरी

आजम खान पहले भी हेट स्पीच के आरोपों का सामना कर चुके हैं. उन पर अप्रैल 2019 में मिलक कोतवाली क्षेत्र के खत नगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा रामपुर के तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज किया गया था.

इस मामले में उन्हें आईपीसी की धारा 153ए (दो समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), धारा 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाला बयान) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 के तहत दोषी ठहराया गया था. 

उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई थी, जिस कारण उन्हें पिछले साल अपनी विधायकी भी गंवानी पड़ गई थी. आजम ने इस फैसले को चुनौती दी थी. इस मामले में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अमितवीर सिंह ने इस साल मई फैसला सुनाते हुए रामपुर की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा पारित अक्टूबर 2022 के आदेश को रद्द कर दिया था.

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क्या था आजम खान का बयान

8 अप्रैल 2019 को आजम खान ने रामपुर के धमौरा में गठबंधन के प्रत्याशी के समर्थन में भाषण देते हुए कहा था कि 'प्रदेश का मुख्यमंत्री कातिल है, कत्ल का मुलजिम है, शर्म आनी चाहिए ऐसे ऐसे अधिकारियों को भेजा है, जो हमारी हत्या कराना चाहते हैं, जो दंगा कराना चाहते हैं. शर्म आनी चाहिए भेजे हैं अधिकारी - हमारी हत्या के लिए... रामपुर में दंगा कराने के लिए...'

आजम खान ने कहा था कि 'कितने मुकदमें करोंगे...जितनी बदतमीजी करोंगे....उतनी औकात बताऊंगा, जनता के नौकर (अधिकारी) को अपनी औकात को समझना चाहिए... उर्दू गेट गिराया... मंशा दंगा कराने का था.... सोचा था कि लोग घरों से निकलेंगे और हम फायरिंग करेंगे और दंगा होगा...'

आजम से सुरक्षा छीनी, फिर लौटाई भी

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान की सुरक्षा को लेकर पिछले दिनों यूपी में राजनीति गरम हो गई थी. दरअसल आजम खान को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा गुरुवार को शासन ने वापस ले ली गई थी. 

रामपुर के अपर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर संसार सिंह ने बताया था कि सुरक्षा मुख्यालय से पुलिस अधीक्षक से लेटर मिला है, जिसमें कहा गया है कि पूर्व विधायक आजम खान को दी गई 'Y' कैटेगरी की सुरक्षा बनाए रखने का कोई मतलब नहीं है. इस आदेश का पालन करते हुए उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है.

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इस पर सपा ने बीजेपी पर आजम खां का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. वहीं सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बीजेपी सरकार पर विपक्षी नेताओं के प्रति विद्वेष भाव से काम करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, मोहम्मद आजम खां साहब की सुरक्षा हटाना दुर्भाग्यपूर्ण है. 

हालांकि इस पर जब काफी हंगामा हुआ तो उन्हें दोबारा वाई श्रेणी की सुरक्षा दे दी गई. रामपुर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की सिफारिश पर उन्हें यह सुरक्षा लौटाई गई. हालांकि उन्हें आगे भी यह सुरक्षा दी जाएगी या नहीं, इस पर 18 जुलाई को राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में फैसला होगा.

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