
सपा नेता और पूर्व सांसद आजम खान के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम की याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम के वकील की दलीलों को सुना. जिसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 5 अप्रैल तय की. साथ ही यूपी सरकार को नोटिस जारी किया गया है और अब्दुल्ला आजम के वकील को याचिका की कॉपी यूपी सरकार को देने को कहा गया है.
दरअसल, 15 साल पुराने मामले में दोषी ठहराए जाने और 2 साल कैद की सजा सुनाए जाने के बाद अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द कर दी गई थी. इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर करते हुए उन्होंने अपनी दोषसिद्धि (Conviction) पर रोक लगाने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की है.
कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने खंडपीठ से कहा कि अब्दुल्ला आजम को दोषी कैसे ठहराया जा सकता है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार उस समय वह 15 वर्ष के किशोर थे. उन्होंने कहा कि धरने के समय की अब्दुल्ला की जन्मतिथि देख लीजिए, उस समय वह जुवेनाइल थे और उस समय के आधार पर ही आज 2 साल की सजा नहीं दे सकते.
इस पर कोर्ट ने कहा कि जुवेनाइल का मुद्दा आपको निचली उठाना चाहिए था. अब्दुल्ला आजम के वकील ने कहा कि हमने ये मुद्दा उठाया था, लेकिन लोवर कोर्ट ने खारिज कर दिया. हाईकोर्ट मामले को लंबा खींचता रहा और फिर इसे खारिज कर दिया.
9 आरोपियों में सिर्फ दो दोषी करार दिए- वकील
वकील ने अब्दुल्ला आजम की तरफ से कहा कि मेरे पिता (आजम खान) धरना दे रहे थे और मैं कार में बैठा था, तो कैसे आरोपी बन गया. कुल 9 लोग आरोपी थे. सात बरी हो गए. मैं और मेरे पिता आजम खान दोषी करार दिए गए. जब मैं आज कोर्ट में सुनवाई के लिए आया, तब चुनाव घोषित कर दिया गया. 13 अप्रैल की तारीख को चुनाव घोषित कर दिया गया. आज ही चुनाव घोषित किया गया.
सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आज़म की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार किया है. साथ ही जस्टिस जोसेफ ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट का फैसला (जिसमें अब्दुल्ला को नाबालिग थे) दिखाओ. फिर हम मामले में विस्तार से सुनवाई करेंगे. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई 5 अप्रैल की तारीख तय की है.
क्या था पूरा मामला
बता दें कि 15 साल पहले 29 जनवरी 2008 को छजलैट पुलिस ने पूर्व मंत्री आजम खान की कार को चेकिंग के लिए रोका था. जिससे उनके समर्थक भड़क गए थे. इसके बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया था. इस हंगामे में अब्दुल्ला समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था. पुलिस ने इस मामले में हंगामा करने वाले सभी लोगों पर सरकारी काम में बाधा डालने और भीड़ को उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया था. इस मामले में आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने दो-दो साल की सजा सुनाई थी. जिसके दो दिन बाद ही उन्हें यूपी विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.