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बेअंत सिंह हत्याकांडः बरकरार रहेगी फांसी या मिलेगी राहत? बलवंत सिंह राजोआना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में फांसी की सजा पाए बलवंत सिंह राजोआना की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आज फैसला सुनाएगा.

बलवंत सिंह राजोआना (फाइल फोटो) बलवंत सिंह राजोआना (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2023,
  • अपडेटेड 6:50 AM IST

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में सजायाफ्ता बलवंत सिंह राजोआना की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है. पंजाब के पूर्व सीएम की हत्या के मामले में कोर्ट ने बलवंत सिंह राजोआना को फांसी की सजा सुनाई थी. कोर्ट की ओर से सुनाई गई फांसी की सजा माफ करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है.

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बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा माफ करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. सुप्रीम कोर्ट बलवंत की सजा माफी की याचिका पर आज फैसला सुनाएगा. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी करार दिया जा चुका बलवंत सिंह राजोआना पिछले 27 साल से जेल में बंद है.

बलवंत सिंह राजोआना अब 56 साल का हो गया हैं. बलवंत सिंह राजोआना के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि बम ब्लास्ट में मुख्यमंत्री की मौत हो गई थी. मामले में जुलाई 2007 में उसे सजा-ए-मौत सुनाई गई. हाईकोर्ट ने साल 2010 में बलवंत की मौत की सजा को बरकरार रखा. पिछले 27 साल से जेल में बंद राजोआना की दया याचिका साल 2012 से ही सरकार के पास लंबित है.

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राजोआना के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि मौत की सजा के मामले में लंबे समय तक देरी करना मौलिक अधिकार का हनन है. उन्होंने कहा कि दया याचिका साल 2012 से ही लंबित है और हम दया याचिका लगाए जाने के 11 साल बाद भी जब कोई फैसला नहीं आया तब 2023 में कोर्ट आए.

दया याचिका पर फैसले का इंतजार नहीं कर सकते

मुकुल रोहतगी ने कहा कि हम दया याचिका पर उनके फैसले का इंतजार नहीं कर सकते. कोर्ट को मामले में अब फैसला सुनाना चहिए. उन्होंने दलील दी कि मौत की आशंका में इतनी देरी अमानवीय है. मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में ये भी कहा कि विकल्प के रूप में अगर दया याचिका पर फैसला नहीं होता है तब तक राजोआना को परोल पर छोड़ा जा सकता है.

राजोआना के वकील ने दया याचिका पर फैसले में देरी को लेकर ये भी कहा कि उनके खिलाफ अवमानना के लिए अलग से भी कार्यवाही की जा सकती है. बलवंत सिंह राजोआना की ओर से दायर याचिका पर जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की पीठ सुनवाई कर रही है. जस्टिस गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की पीठ इस याचिका पर फैसला सुनाएगी.

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फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने की अपील

बेअंत सिंह की हत्या के मामले में कोर्ट से फांसी की सजा पाए बलवंत सिंह राजोआना की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने की गुहार लगाई गई है. राजोआना की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि उसकी दया याचिका 2012 से ही सरकार के पास लंबित है. केंद्र सरकार उसकी याचिका पर लंबे समय तक फैसला नहीं ले पाई है. वह 27 साल से जेल में है. यह उसके मौलिक अधिकार का भी उल्लंघन है.

1995 में मुख्यमंत्री रहते हुई थी बेअंत सिंह की हत्या

पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में सिविल सचिवालय के बाहर तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या हुई थी. 31 अगस्त 1995 को हुई बेअंत सिंह की कार को हमलावरों ने बम से उड़ा दिया था. इस घटना में बेअंत सिंह के अलावा 16 और लोगों की जान गई थी. बलवंत सिंह राजोआना को बेअंत सिंह की हत्या की साजिश रचने का दोषी करार देते हुए चंडीगढ़ की विशेष अदालत ने साल 2007 में मौत की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा था.

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