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हलाल प्रमाणित प्रोडक्ट्स पर बैन लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को जारी किया नोटिस

हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जमीयत उलमा-ए-महाराष्ट्र ने पिछले साल नवंबर में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती दी है. न्यायमूर्ति बी.आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने दायर याचिका पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से बैन लगाने को लेकर जवाब मांगा है सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से बैन लगाने को लेकर जवाब मांगा है
कनु सारदा
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:54 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार की उस अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसके द्वारा हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री, भंडारण और वितरण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था. न्यायमूर्ति बी.आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने दायर याचिका पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. 

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हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जमीयत उलमा-ए-महाराष्ट्र ने पिछले साल नवंबर में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती दी है. 

सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि प्रतिबंध नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और स्थापित प्रमाणन प्रक्रियाओं को कमजोर करता है. इस पर पीठ ने कहा, ''आपने हाईकोर्ट का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया?''

वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल और राजू रामचंद्रन ने पीठ को बताया कि प्रतिबंध के अंतरराज्यीय व्यापार सहित बड़े प्रभाव हैं और कहा, "इस प्रतिबंध का अखिल भारतीय प्रभाव है और देश भर में एक समुदाय को प्रभावित करता है और इसलिए इसका राष्ट्रीय निहितार्थ है. अंतरराज्यीय व्यापार, उद्योग और उपभोक्ता पर इसका सीधा असर पड़ता है." 

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पक्ष सुनते हुए मामले में कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और कहा कि इस पर आगे की सुनवाई के दौरान विचार किया जाएगा.

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