
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक निजी स्कूल की बस में 3 साल की बच्ची से रेप के मामले में कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया है. इस मामले में आज अंतिम सुनवाई हुई, जिसमें स्पेशल जज शैलजा गुप्ता ने बस ड्राइवर हनुमंत जाटव और अटेंडर उर्मिला साहू को दोषी करार दिया है. हालांकि कोर्ट ने अभी सजा का ऐलान नहीं किया है. स्पेशल कोर्ट ने फैसला सोमवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया है.
दरअसल, भोपाल के नीलबड़ स्थित एक निजी स्कूल में 8 सितंबर 2022 को नर्सरी में पढ़ने वाली 3 साल की बच्ची ने घटना के बारे में अपने परिजनों को बताया था. इसके बाद काफी हंगामे और विरोध के बीच पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर 20 दिन में चालान पेश किया.
सरकार के निर्देश के बाद कोर्ट में 242 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई थी. इसमें 32 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं. सोमवार को कोर्ट दोषियों को 7 साल या उम्रकैद की सजा सुना सकती है. इस मामले में 14 दिन में 32 लोगों की कोर्ट में गवाही कराई गई. पुलिस ने मात्र 20 दिन में विवेचना पूर्ण कर कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल की.
14 दिन में कोर्ट में हुए 32 गवाहों के बयान
जनसंपर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि आज विशेष न्यायालय पॉक्सो शैलजा गुप्ता ने स्कूल बस में बच्ची के साथ दुष्कृत्य करने वाले 32 वर्षीय हनुमत जाटव पुत्र सुरेश जाटव निवासी शाहपुरा भोपाल और 40 वर्षीय उर्मिला साहू पत्नी रमेश साहू निवासी कोलार भोपाल को दोषी पाया.
अब इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी. इस मामले में भोपाल के कलेक्टर ने विशेष लोक अभियोजक मनीषा पटेल को प्रॉसीक्यूटर नामित किया था. विशेष लोक अभियोजक मनीषा पटेल ने 14 दिनों में 32 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए. गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायालय ने दोनों आरोपियों को दोषी पाया.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, बच्ची के माता-पिता ने महिला थाना भोपाल में शिकायत की थी कि 8 सितंबर 2022 को उनकी 3 साल 6 माह की बच्ची स्कूल से घर लौटी तो उसकी यूनिफार्म बदली हुई थी. बच्ची की मां ने जब उससे पूछा कि आपका ड्रेस किसने बदला है तो बच्ची ने बताया कि यूनिफार्म बस वाले अंकल ने बदला है.
बच्ची की मां ने जब चेक किया तो यूनिफार्म न गंदा था, न ही गीला था. यूनिफार्म बिना किसी कारण बस डाइवर द्वारा बदले जाने पर बच्ची के माता-पिता ने स्कूल प्रशासन से बात की और उनको घटना के बारे में बताया.
बच्ची ने माता-पिता को बताया- बस वाले अंकल करते हैं बैड टच
जब बच्ची के माता-पिता ने स्कूल प्रशासन से बस में लगे सीसीटीवी फुटेज की मांग की, तो स्कूल प्रशासन ने आश्वासन दिया कि एक-दो दिन में फुटेज उपलब्ध करा देंगे. इसके बाद शाम को जब बच्ची के पिता ने उससे पूछा कि आपको कोई परेशान करता है, तो बच्ची ने बस वाले अंकल के बारे में बताया.
बच्ची ने कहा कि बस वाले अंकल बैड टच करते हैं. इसके बाद बस में रहने वाली आंटी ले लेती थी और चुप करा देती थी. बस अंकल टॉफी भी देते थे और बाल पकड़कर डराते हुए कहते थे कि यह बात किसी को बताई तो मारूंगा.
स्कूल प्रशासन ने नहीं दिया बस का फुटेज, बच्ची के माता-पिता को लौटाया
बच्ची के माता-पिता ने स्कूल प्रशासन को पूरी जानकारी दी. इस पर स्कूल प्रशासन ने बिना वीडियो फुटेज दिए पीड़ित माता-पिता को स्कूल से लौटा दिया. इसके बाद आरोपी फिर अगले दिन दो अन्य लोगों के साथ बच्ची को लेने उसके घर पहुंचे, तो बच्ची के माता-पिता ने इंकार कर दिया और पुलिस कमश्निर से मामले की शिकायत की.
पुलिस कमिश्नर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी गठित की. एसआईटी टीम के प्रमुख एडिशनल डीसीपी त्रुतकीर्ति के निर्देश पर एसीपी निधि सक्सेना व महिला थाना प्रभारी अंजना धुर्वे 20 दिनों में विवेचना पूरी कर अभियोग पत्र कोर्ट में पेश कर दिया.