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बिलकिस के गुनहगारों की रिहाई के खिलाफ याचिका पर सुनवाई, गुजरात सरकार से SC का सवाल- जवाब में इतने फैसलों का हवाला क्यों दिया?

बिलकिस बानो के गुनहगारों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से कई तीखे सवाल किए. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की ओर से दायर हलफनामे में कई फैसलों का हवाला दिए जाने को लेकर भी सवाल किया. इस मामले में अगली सुनवाई अब 29 नवंबर को होगी.

बिलकिस बानो के गुनहगारों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बिलकिस बानो के गुनहगारों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
संजय शर्मा/अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप के दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. बिलकिस बानो के गुनहगारों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से कई तीखे सवाल किए. सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने बिलकिस बानो के गुनहगारों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार से कई तीखे सवाल किए. जस्टिस अजय कुमार रस्तोगी ने कहा कि गुजरात सरकार ने बीती रात इस मामले में भारी भरकम हलफनामा दाखिल किया.

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उन्होंने कहा कि हमने भी इसे सुबह अखबारों में पढ़ा. जस्टिस अजय रस्तोगी ने तीखे सवाल करते हुए कहा कि सरकार ने जवाब में इतने फैसलों का हवाला क्यों दिया? उन्होंने कहा कि तथ्यात्मक पहलू कहां हैं? विवेक का उपयोग कहां है? जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा कि ये सवाल हलफनामा ड्राफ्ट करने वाले अपने वकील से पूछिए.

गुजरात सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसीटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि अजनबी आपराधिक मामलों में अदालत नहीं जा सकते. उन्होंने कहा कि याचिका दाखिल करने वालों का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में ये दलील भी दी कि यह तर्क सभी याचिकाकर्ताओं पर लागू होते हैं.

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के वकील से कहा कि आपने याचिका पर गंभीर आपत्ति जताई है. आप चाहें तो याचिकाकर्ताओं को गुजरात सरकार के जवाब पर अपनी बात कोर्ट को बता सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की ओर से दाखिल हलफनामा भी सभी पक्षकारों को मुहैया कराने के भी आदेश दिए हैं.

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जवाब दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ता ने मांगा समय

याचिकाकर्ताओं ने गुजरात सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे पर जवाब अभी दाखिल नहीं किया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से उनके वकील कपिल सिब्बल ने गुजरात सरकार के हलफनामे का जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने साल 2001 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप के दोषियों को सजा कम कर समय से पहले रिहा कर दिया था.

बिलकिस बानो के गुनहगारों की सजा पूरी होने से पहले रिहाई का विरोध करते हुए कई संगठनों ने गुजरात सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी. बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. बिलकिस बानो के गुनहगारों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई जिस पर अभी सुनवाई चल रही है.

 

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