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बॉम्बे हाईकोर्ट ने 8 लोगों को सुनाई अनोखी सजा, 6 महीने तक वर्सोवा बीच की सफाई करने के दिए आदेश

12 साल पुराने दो अलग-अलग मामलों में बॉम्बे हाईकोर्ट ने FIR रद्द कर दी है. साथ ही 8 लोगों को 6 महीन तक वर्सोवा बीच की सफाई करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि हर दूसरे और चौथे रविवार को बीच की सफाई करनी होगी.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
विद्या
  • मुंबई,
  • 23 मई 2022,
  • अपडेटेड 2:24 PM IST
  • हर दूसरे और चौथे रविवार को करनी होगी सफाई
  • 12 साल पुराने दो मामलों में रद्द की FIR

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 साल पुराने दो केसों की सुनवाई करते हुए 8 लोगों को अनोखी सजा सुनाई. कोर्ट ने इन लोगों को 6 महीने तक हर दूसरे और चौथे रविवार को वर्सोवा बीच की सफाई करने का आदेश दिया है. जस्टिस पीबी वराले और जस्टिस एसएम मोदक की खंडपीठ ने बोरीवली मजिस्ट्रेट कोर्ट और अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट में लंबित दो FIR रद्द करने के भी आदेश दिए.

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दरअसल 12 साल पहले यानी साल 2010 में दो अलग-अलग मामलों में FIR कराई गई थी. लेकिन कुछ समय बाद दोनों अलग-अलग पक्षों ने राजीनामा कर लिया. लेकिन निकली अदालत में सुनवाई लंबित रही. इसके लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने कहा कि पक्षों के बीच समझौते के बाद FIR का अब कोई मतलब नहीं रह गया है. लिहाजा कोर्ट ने IPC की धारा 482 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए निचली अदालत में कार्यवाही को रद्द कर दिया.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इन दोनों मामलों में कार्यवाही लंबित होने की वजह से दोनों पक्षों ने विवाद सुलझा लिया है. साथ ही केस रद्द करने के लिए सहयोग करने का फैसला किया है. लिहाजा अलग-अलग मामलों में पीड़ित युवक और युवती ने FIR रद्द करने पर अपनी सहमति जताई. साथ ही एक हलफनामा भी दाखिल किया.

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क्या था मामला?

पहली FIR 27 अप्रैल 2010 को अंबोली पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी. FIR में युवती ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके कुछ दोस्तों ने उसे कोल्ड ड्रिंक में शराब मिलाकर पिला दी. इसके बाद आरोपियों ने उसकी अश्लील तस्वीरें ले लीं. आरोपी उसे ब्लैकमेल करने लगे. कहते थे कि साढ़े तीन लाख रुपये दो वरना इन फोटोज को वायरल कर देंगे. 24 अप्रैल 2010 को युवती से कैश और गोल्ड की डिमांड की. इसके बाद युवती ने FIR दर्ज कराई. हालांकि पुलिस ने मामले की जांच के दौरान चार्जशीट भी दाखिल की थी. 

जबकि दूसरी FIR 1 मई 2010 को चारकोप पुलिस स्टेशन में विभिन्न धाराओं में दर्ज की गई. FIR के मुताबिक घटना 23 अप्रैल 2010 को हुई थी. युवक ने शिकायत में कहा था कि उसे एक युवती ने अपने घर बुलाया. उससे 50 हजार रुपये ऐंठ लिए. युवक की बाइक भी ले ली. इतना ही नहीं, युवक पर घर छोड़कर भागने का दबाव भी बनाया. जब युवक ने इनकार कर दिया तो युवती ने उसे जान से मारने की धमकी दी. साथ ही एक पेपर पर लिखवा लिया कि उसने 2 लाख रुपये युवती से उधार लिए हैं. 


 

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