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यूपी में बंद पड़े 1900 ईंट भट्ठे फिर खुल पाएंगे, सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश बना संजीवनी

उत्तर प्रदेश में बंद पड़े 1900 ईंट भट्टे फिर खुल सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस दिशा में एक अहम फैसला सुनाया है. उस फैसले में जस्टिस केएम जोसफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने एनजीटी की लगाई सख्त शर्तों में राहत दी है.

यूपी में बंद पड़े 1900 ईंट भट्ठे फिर खुल पाएंगे (फाइल) यूपी में बंद पड़े 1900 ईंट भट्ठे फिर खुल पाएंगे (फाइल)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST

उत्तर प्रदेश में चल रहे ईंट भट्ठों के संचालकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस केएम जोसफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने एनजीटी की लगाई सख्त शर्तों में राहत दी है. एनसीआर के तहत आने वाले यूपी में केवल पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) पर चलने वाले ईंट भट्ठे चलाने के लिए लगाई गई कड़ी शर्त भी हटा दी गई है.

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पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि ईंट निर्माण की 2164 इकाइयों में से लगभग 1900 इकाइयों ने 22 फरवरी 2019 की अधिसूचना के तहत संचालन के लिए सहमति प्राप्त नहीं की है और जिन इकाइयों ने इसकी घोषणा नहीं की है उनकी उत्पादन क्षमता, को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद लगभग 1900 ईंट भट्टों के फिर से खोलने का रास्ता खुल गया है.

इस अधिसूचना ने सभी मौजूदा ईंट भट्ठों को एक वर्ष के भीतर पीएनजी में स्थानांतरित करने की अनुमति दी. इस प्रकार कोयले, जलाऊ लकड़ी से चलने वाले भट्ठों को वर्तमान में परिचालन में रहने की अनुमति दी गई. नवंबर 2019 में एनजीटी ने कोयले से चलने वाले ईंट भट्ठों पर अंतरिम प्रतिबंध लगा दिया था. इसके कारण ईंट भट्ठों को बंद कर दिया गया था. दरअसल एनजीटी ने लगातार बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश में ईंट भट्ठे चलाने के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस यानी पीएनजी का प्रयोग करने के लिए कहा था.

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एनजीटी ने कहा था कि कोई भट्ठा संचालक इस नई तकनीक का प्रयोग नही करता तो वह ईंट भट्ठा का संचालन नहीं करेगा. एनजीटी के इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी. कोर्ट ने ईंट भट्ठों को निर्देश दिया कि वे पहले पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) द्वारा फरवरी में जारी अधिसूचना के तहत सहमति प्राप्त कर अपनी उत्पादन क्षमता का खुलासा करें.

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