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मथुरा के जवाहर बाग कांड में CBI ने दाखिल की 800 पेज की चार्जशीट, रामवृक्ष यादव समेत 90 लोग आरोपी

मथुरा के जवाहर बाग कांड में सीबीआई ने करीब साढ़े छह साल की पड़ताल के बाद गाजियाबाद की कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है. इस मामले में रामवृक्ष यादव को मुख्य आरोपी और उसके अलावा 89 लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. इस कांड में कुल 29 लोग मारे गए थे. हिंसा के दौरान तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसएचओ संतोष यादव की भी हत्या कर दी गई थी.

2 जून 2016 में जवाहर बाग में फैल गई थी हिंसा (फाइल फोटो) 2 जून 2016 में जवाहर बाग में फैल गई थी हिंसा (फाइल फोटो)
संतोष शर्मा
  • लखनऊ,
  • 07 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

मथुरा के चर्चित जवाहर बाग कांड में सीबीआई ने गाजियाबाद की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. करीब 800 पेज की चार्ज शीट में रामवृक्ष यादव, चंदन बोस समेत 90 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इस मामले में साढ़े छह साल जांच करने के बाद यह चार्जशीट दायर की गई है.

2 जून 2016 को मथुरा का जवाहर बाग तब सुर्खियों में आया था, जब उस पर कब्जा करने के लिए वहां एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने खूनीखेल खेला था. दरअसल, मध्य प्रदेश के सागर जिले से 1000 लोगों के साथ स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह संगठन के अध्यक्ष रामवृक्ष यादव ने प्रशासन से जवाहर बाग में 2 दिन ठहरने की अनुमति ली थी लेकिन रामवृक्ष यादव अपने समर्थकों के साथ जवाहर बाग पर कब्जा कर लिया. प्रशासन ने कई बार उसे हटाने का प्रयास किया लेकिन हर बार वह पुलिस से टकराता रहा.

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चमड़े की मुद्रा, एक पैसे में पेट्रोल बेचने की मांग की गई

इसके बाद मथुरा के तत्कालीन डीएम और एसएसपी ने कई बार जवाहर बाग को खाली कराने का प्रयास किया. इसके लिए उन लोगों ने रामवृक्ष यादव से कई राउंड बात की लेकिन वह हर बार उनके सामने शर्त रखता था कि देश में चमड़े की मुद्रा चलनी चाहिए, पेट्रोल एक पैसा लीटर होना चाहिए. जब कई बार वार्ता विफल हुई तो मामला कोर्ट पहुंच गया. कोर्ट ने भी जवाहर बाग को खाली कराने के आदेश दिए. 

पहले पुलिस के बात की फिर हिंसा फैला दी

2 जून 2016 को तत्कालीन डीएम राजेश कुमार व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह ने तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी के नेतृत्व में पुलिस फोर्स के साथ जवाहर बाग को खाली कराने के लिए कूच किया. 2 घंटे तक पुलिस और रामवृक्ष के लोग में बात होती रही इसके बाद कब्जाधारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया था.

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इस हमले में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ रिफाइनरी संतोष कुमार यादव बुरी तरह जख्मी हो गए. बाद में दोनों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वहीं पुलिस की जवाबी कार्रवाई में जवाहर बाग में मौजूद कब्जाधारियों में 29 लोग मारे गए थे. घटना के दूसरे दिन सुबह पुलिस ने पुष्टि की कि रामवृक्ष यादव भी इन 29 लोगों में मारा गया है. इस मामले की सीबीआई जांच हुई और करीब साढ़े छह साल बाद उसने कोर्ट में चार्जशीट जमा कर दी.

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