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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जेल में, सुप्रीम कोर्ट में सजा माफी की याचिका पर सुनवाई टली

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर निर्णय सुरक्षित रखा है. इसी बीच, कोर्ट ने एक सजा माफी याचिका पर सुनवाई टाल दी और सरकार से दिशा-निर्देश लेकर आने को कहा है, ताकि जेल में बंद मुख्यमंत्री द्वारा ऐसे मामलों में निर्णय लेने की स्थिति स्पष्ट हो सके.

 मामला हरप्रीत सिंह की सजा माफी याचिका से जुड़ा है. मामला हरप्रीत सिंह की सजा माफी याचिका से जुड़ा है.
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:44 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पांच महीनों से जेल में बंद हैं, और इस दौरान एक सवाल उठ रहा है कि क्या वे किसी सजायाफ्ता कैदी की सजा माफी की याचिका पर निर्णय ले सकते हैं. यह मामला तब सामने आया जब हरप्रीत सिंह की सजा माफी याचिका महीनों से अटकी पड़ी है. 

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने इस मामले में केंद्र सरकार का पक्ष रखने वाली असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी से सरकार से निर्देश लेने को कहा है. कोर्ट ने इस मसले की अगली सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी है.

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इस मामले में सरकार की ओर से ASG ऐश्वर्या भाटी और वरिष्ठ वकील अर्चना पाठक दवे ने कहा कि अब तक ऐसी कोई मिसाल सामने नहीं आई है कि एक जेल में बंद मुख्यमंत्री किसी कैदी की सजा माफी याचिका पर निर्णय ले सके. 

सुनवाई के दौरान जस्टिस ओक ने कहा कि ऐसे किसी मामले में देरी उचित नहीं है. यदि इसमें कोई समस्या है, तो कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिले विशेषाधिकार का उपयोग कर सकता है. अनुच्छेद 142 के तहत, सुप्रीम कोर्ट के पास विशेष शक्तियाँ हैं जिनका उपयोग वह विशेष मामलों में कर सकता है. 

ASG ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को यह भी बताया कि दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी की है और अब निर्णय सुरक्षित रखा है. उन्होंने आशा जताई कि जमानत मिलने पर यह समस्या हल हो जाएगी. 

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यदि जमानत नहीं मिलती है, तो कोर्ट संभवतः अपने विशेषाधिकार का उपयोग कर सकता है. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को दो हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया है, और उम्मीद है कि इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ अपना निर्णय सुना देगी. 

इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अहम होगा, क्योंकि यह तय करेगा कि क्या जेल में बंद मुख्यमंत्री सजा माफी जैसे संवेदनशील मामलों पर फैसला ले सकते हैं या नहीं.

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