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दिल्ली शराब घोटाला: के कविता को जमानत देने से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार

अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा,'ईडी के द्वारा एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि के. कविता दिल्ली की नई आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन से संबंधित पूरी साजिश में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक थीं.'

बीआरएस नेता  के. कविता. (फाइल फोटो) बीआरएस नेता के. कविता. (फाइल फोटो)
सृष्टि ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:10 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने के कविता की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की.कोर्ट ने कहा कि आवेदन के जरिए जानकर अच्छा लगा कि के. कविता एक उच्च शिक्षित महिला हैं, जिन्होंने राजनीति और सामाजिक कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. अदालत ने आगे कहा,'वर्तमान जमानत आवेदनों पर फैसला लेते समय, न्यायालय इन उपलब्धियों की सराहना कर सकता है, लेकिन वह गंभीर आरोपों और साक्ष्यों को नजरअंदाज नहीं कर सकता.'

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अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा,'ईडी के द्वारा एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि के. कविता दिल्ली की नई आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन से संबंधित पूरी साजिश में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक थीं.'
 
कमजोर महिला से तुलना नहीं

अदालत ने आगे कहा,'के. कविता पीएमएलए की धारा 45 के प्रावधान के लाभ की हकदार नहीं हैं. के. कविता की तुलना ऐसी कमजोर महिला से नहीं की जा सकती, जिसका दुरुपयोग अपराध करने के लिए किया गया हो, जो उन महिलाओं का वर्ग है, जिनके लिए प्रावधान शामिल किया गया है.

तय किए जाने हैं आरोप

वर्तमान मामले में जांच महत्वपूर्ण चरण में है. और जब जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई, तब तक अंतिम आरोपपत्र/अभियोजन पक्ष की शिकायतें दायर की जानी बाकी हैं, तथा आरोप भी अभी तय किए जाने हैं.

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कोर्ट ने आगे क्या कहा?

कोर्ट ने कहा,'न्यायालय का मानना ​​है कि के. कविता के खिलाफ पीएमएलए की धारा 3 के तहत धन शोधन का प्रथम दृष्टया मामला बनता है, इसलिए जमानत याचिका पर निर्णय लिया जा सकता है.'

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