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'आपने राहगीर पकड़ा, क्या कोई MCD अफसर गिरफ्तार हुआ?' कोचिंग हादसे पर दिल्ली हाईकोर्ट का सीधा सवाल

दिल्ली में हाल ही में एक कोचिंग सेंटर के अंदर हुए भयावह हादसे को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने तीखे सवाल पूछे हैं. हाई कोर्ट ने पूछा कि क्या कोई MCD अफसर को गिरफ्तार किया गया है. अदालत ने यह सवाल भी पूछा कि क्या इस मामले में MCD के अधिकारियों की जांच की गई

Rsu IAS कोचिंग के बाहर पोस्टर बैनर लेकर प्रदर्शन करते छात्र. (File Photo) Rsu IAS कोचिंग के बाहर पोस्टर बैनर लेकर प्रदर्शन करते छात्र. (File Photo)
संजय शर्मा/नलिनी शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 1:48 PM IST

दिल्ली की Rau IAS कोचिंग के बेसमेंट में 3 स्टूडेंट्स की मौत के मामले में आज दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने सवाल किया कि क्या अब  तक किसी एमसीडी अधिकारी को हिरासत में लिया गया है? अदालत ने यह सवाल भी पूछा कि क्या इस मामले में MCD के अधिकारियों की जांच की गई है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यहां (ओल्ड राजेंद्र नगर में) जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है. अनधिकृत निर्माण पुलिस की मिलीभगत से होते हैं. इसके बिना अनाधिकृत निर्माण नहीं हो सकते. सभी प्राधिकारी केवल जिम्मेदारी एक-दूसरे की तरफ डालने में रुचि रखते हैं. उस क्षेत्र में इतना पानी कैसे जमा हो गया? यह रॉकेट साइंस नहीं है. जब अधिकारियों ने भवन को अधिकृत किया तो क्या उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी? नालियां क्रियाशील क्यों नहीं हैं? आपने किसी राहगीर को गिरफ्तार कर लिया है, जो इलाके से गुजर रहा था. आपने एमसीडी अधिकारियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया?

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 दिल्ली HC ने किए ये सवाल

1. हाई कोर्ट ने कहा है हमने कार्रवाई के बाद अब तक एमसीडी में किसी को भी अपनी नौकरी जाते नहीं देखा है. हम इमारतें ध्वस्त होते देख रहे हैं, लेकिन एमसीडी में इसकी वजह से किसकी नौकरी गई है?

2. अदालत ने आगे कहा,' MCD ने अपने सबसे जूनियर अधिकारी को निलंबित कर दिया है. उस वरिष्ठतम अधिकारी के बारे में क्या, जिसने पर्यवेक्षण का अपना काम नहीं किया है?'

3. एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी आज अपने AC कार्यालयों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. अगर ये नालियां ढकी हुई थीं तो फिर ढक्कन क्यों नहीं हटाए गए?

4. कोर्ट ने आगे कहा,'आपको इस मुफ्तखोरी संस्कृति पर फैसला करना होगा. इस शहर में 3.3 करोड़ लोगों की आबादी है, जबकि इसकी योजना 6-7 लाख लोगों के लिए बनाई गई थी. आप बिना इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किए इतने लोगों को कैसे समायोजित करने की योजना बना रहे हैं?'

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5. अदालत ने कहा,'आज अगर आप किसी एमसीडी अधिकारी से नालियों की योजना बनाने के लिए कहें, तो वे ऐसा नहीं कर पाएंगे. उन्हें यह नहीं पता कि नालियां कहां हैं. सब कुछ मिला-जुला है. बिलकुल अव्यवस्थित.'

6. लोगों की जान महंगी है. दिल्ली एक त्रासदी घटित होने का इंतजार कर रही है. नालियों के लिए कोई मास्टरप्लान नहीं है. यदि जांच अधिकारी हर चीज की जांच करने में सक्षम नहीं है तो हम इसे किसी केंद्रीय एजेंसी के तहत लाएंगे. शायद हम लोकपाल लाएंगे. वरिष्ठ अधिकारियों को मैदान पर जाना चाहिए. ओल्ड राजेंद्र नगर के सभी नालों को साफ किया जाए. इलाके के सभी अतिक्रमणों को शुक्रवार तक 2 दिनों के अंदर साफ कराएं.'

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