
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने सोमवार को गूगल और फेसबुक को उन 25 अलग-अलग वेबसाइट, खाते और पेज को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है, जो "आजतक" ट्रेडमार्क का उल्लंघन कर रहे हैं और वे उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं कि ये "गुमनाम" वेबसाइटें 'आज तक' ब्रांड से संबंधित हैं.
सितंबर 2020 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने 4 प्रतिवादियों के खिलाफ एक समान आदेश पारित किया था, जिसे अब अन्य 25 विभिन्न वेबसाइटों तक बढ़ा दिया गया है. हाईकोर्ट बेंच ने इन सभी वेबसाइटों के साथ-साथ गूगल, फेसबुक और अन्य डोमेन रजिस्टर करने वालों को भी पक्षकार बनाया है. उन सभी को नोटिस जारी किया गया है और अक्टूबर माह के तीसरे सप्ताह तक जवाब देने के लिए कहा है.
'आजतक' ब्रांड की मूल कंपनी लिविंग मीडिया इंडिया लिमिटेड ने अदालत के समक्ष तर्क दिया था कि गुमनाम वेबसाइटें, खुद को 'आजतक' के रूप में दिखाने और पेश करने की कोशिश कर रही थीं, आम जनता को धोखा दे रही थीं. लोगों को गुमराह किया जा रहा था कि ये गुमनाम साइटें 'आजतक' ब्रांड से जुड़ी हुई थीं. इससे ब्रांड की साख और प्रतिष्ठा को भारी नुकसान हो रहा था.
उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने प्रथम दृष्टया वादी से सहमत होते हुए 'आजतक' के पक्ष में फैसला दिया, जिसमें गूगल और फेसबुक को 'आजतक लाइव', 'आजतक इंडिया न्यूज', 'ई' आजतक आदि नाम के 25 ऐसे पेजों को ब्लॉक और सस्पेंड करने का निर्देश दिया है.
दिल्ली उच्च न्यायालय का आदेश प्रतिष्ठित न्यूज ब्रांड को नकली समाचारों और नकली स्क्रीन ग्रैब से बचाने में अहम भूमिका रखता है. ऐसे फेक न्यूज और फेक स्क्रीन ग्रैब जो महामारी के दौर में समाचार के नाम पर जनता के बीच बड़े पैमाने पर दुष्प्रचार कर रहे हैं.
कंपनी द्वारा अपनी दलील में यह तर्क भी दिया गया था कि “अज्ञात वेबसाइटों का हालिया प्रसार केवल एक संयोग नहीं है, बल्कि दुर्भावना से प्रेरित है. ताकि महामारी के ऐसे अभूतपूर्व समय में लोगों को गुमराह कर फायदा उठा सकें.”