
दिल्ली नगर निगम के एकीकरण वाला विवाद हाई कोर्ट पहुंच गया है. आम आदमी पार्टी द्वारा लगातार इस फैसले का विरोध किया जा रहा है. अब कांग्रेस की तरफ से भी इस विवाद के खिलाफ आवाज बुलंद की गई है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है.
कांग्रेस ने अर्जी में क्या कहा?
दरअसल केंद्र सरकार ने एमसीडी वार्डों के परिसीमन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिसके बाद निगम में कुल वार्डों की संख्या 272 से घटकर 250 हो गई है. कांग्रेस ने कोर्ट में दाखिल अपनी अर्जी में कहा है कि केंद्र सरकार ने मूल अवधारणा और किए गए वायदों से अलग लोकतांत्रिक मूल्यों को ताक पर रखकर परिसीमन रिपोर्ट बनाई गई है. जिसमें वार्डों में जनसंख्या समीकरण का उल्लंघन, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग करके नियमों की पूरी तरह से अवहेलना की गई है.
किस बात पर हो रहा विवाद?
जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली नगर निगम में अब 42 वार्डों को अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित किया गया है. इन वार्डों में परिसीमन का भी काम पूरा हो चुका है, लेकिन अब दिल्ली का राज्य चुनाव आयोग महिलाओं और अनुसूचित जाति के लोगों के लिए सीट चिन्हित और आरक्षित करके नोटिफिकेशन जारी करेगा. केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद अब दिल्ली नगर निगम चुनाव जल्द घोषित होने की संभावना है. इससे पहले नगर निगम में 250 नए वार्डों की परिसीमन प्रक्रिया में सुझाव और आपत्ति मांगी गई थीं. उसके आधार पर अब डीलिमिटेशन का काम किया जा चुका है. राज्य निर्वाचन आयोग ने हर वार्ड के लिए एक अधिकारी को जिम्मेदारी दे रखी है. दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने चुनाव के लिए पोलिंग, काउंटिंग और चुनाव के अधिकारियों की तैनाती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. चुनाव आयोग की तैयारियों से लगता है कि साल 2022 के आखिर में या नए साल की शुरुआत में नगर निगम चुनाव हो सकता है.