
कई साल पहले Dowry Calculator नाम की वेबसाइट लॉन्च की गई थी. कितना दहेज मिलेगा, इस वेबसाइट के जरिए वो जानकारी दी जाती थी. लेकिन केंद्र सरकार ने उस वेबसाइट पर बैन लगा दिया. तर्क दिया गया कि इस वेबसाइट के जरिए दहेज को बढ़ावा दिया जा रहा है. जबकि वेबसाइट के क्रिएटर का कहना था कि व्यंग के जरिए लोगों को दहेज ना लेने के लिए कहा जा रहा था. अब क्योंकि वेबसाइट पर बैन लगा दिया गया, ऐसे में मामला कोर्ट पहुंचा जहां पर अपील की गई कि वेबसाइट से बैन हटाया जाए. अब दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से इस मामले में जवाब मांगा है.
क्या है ये पूरा मामला?
सोमवार को जब इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने सबसे पहले ये जानना चाहा कि क्या वेबसाइट के क्रिएटर ने इस वेबसाइट के जरिए कोई कमाई की? इस पर साफ कहा गया कि वेबसाइट के जरिए एक पैसे की भी कमाई नहीं की गई. सिर्फ मजाकिया अंदाज में लोगों को दहेज के बारे में बताया जाता है. इस पर जस्टिस प्रतिभा ने ये तो माना कि वेबसाइट काफी क्रिएटिव है, लेकिन उनकी तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया कि ये कई चीजों को प्रमोट करती है.
कोर्ट में क्या सुनवाई हुई?
इस बारे में जस्टिस प्रतिभा ने कहा कि आप इसे व्यंग या सटायर कह सकते हैं, लेकिन ये एक सामाजिक बुराई को बढ़ावा तो दे रहा है. ये दहेज के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हमारी वेबसाइट पर एंड में कहा जाता है कि आपका करेंट अमाउंट एक करोड़ रुपये है. अब मैं नहीं मानता कि कोई बच्चा ये चेक करेगा कि उसका डाउरी केलकुलेशन कितना है. याचिकाकर्ता के वकील ने साफ कहा कि ये एक व्यंग है और सभी जानते हैं कि सिर्फ मजाक किया जा रहा है. इस पर जस्टिस प्रतिभा ने कहा कि अगर आप इस वेबसाइट को ज्यादा प्रमोट करेंगे तो बच्चे भी दिलचस्पी दिखाना शुरू कर देंगे. अभी के लिए इस मामले में कोर्ट की तरफ से नोटिस इशू कर दिया गया है, केंद्र से भी जवाब मांगा गया है. अगली सुनवाई 16 मई को होने वाली है.
जानकारी के लिए बता दें कि सबसे पहले साल 2018 में इस वेबसाइट पर बैन लगा दिया गया था. लेकिन बाद में याचिकाकर्ता अपनी वेबसाइट पर एक डिस्क्लेमर भी लगाने को तैयार हो गए थे. लेकिन उसके बाद ही बैन को जारी रखा गया. अब वो बैन हटाने के लिए ही मामला कोर्ट में फिर पहुंच गया है. अगली सुनवाई 16 मई को होने वाली है.