
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश दिया कि जम्मू की जेल में बंद और पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया से पीड़ित एक डच नागरिक को दिल्ली के एक विशेष अस्पताल में ट्रांसफर किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद रिचर्ड डे विट की ओर से पेश वकील रोहन गर्ग की दलीलों पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि कैदी का इलाज नई दिल्ली के एक विशेष चिकित्सा केंद्र में किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाज के बाद उसे मुकदमे का सामना करने के लिए वापस जम्मू जेल ट्रासंफर कर दिया जाएगा और यहां अस्पताल में रहने के दौरान उसके परिवार को उससे मिलने की अनुमति दी जाएगी.
SC ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से मांगा था जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से उस याचिका पर जवाब मांगा था जिसमें अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह एक विशेष अस्पताल में पैरानॉयड स्किजोफ्रेनिया की बीमारी के लिए उचित चिकित्सा प्रदान करे. याचिकाकर्ता रिचर्ड डे विट, जिसे अप्रैल 2013 में एक हत्या के मामले में श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में जम्मू जिला जेल में बंद है.
10 वर्षों से जेल में है रिचर्ड
कोर्ट में दाखिल याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा है कि वह लगभग 10 वर्षों से जेल में है और जेल में बीमारी का कोई उचित इलाज उपलब्ध नहीं होने के कारण उसकी चिकित्सीय स्थिति बिगड़ती जा रही है. याचिकाकर्ता ने उचित इलाज के लिए जिला जेल, जम्मू से नई दिल्ली या नीदरलैंड में एक विशेष चिकित्सा सुविधा में अपने ट्रासंफर की मांग की थी.
जम्मू में इलाज के लिए नहीं है खास इंतजाम
याचिका में कहा गया था कि चूंकि जम्मू-कश्मीर में बीमारी के लिए पर्याप्त चिकित्सा उपचार उपलब्ध नहीं है, इसलिए याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार, स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है.