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हत्या के प्रयास के मामले में दोषी ठहराए गए लक्षद्वीप के पूर्व सांसद मोहम्मद फैज़ल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग ने भी कह दिया है कि केरल हाईकोर्ट की ओर से पूर्व सांसद की दोष सिद्धि पर रोक लगाने के बाद अब EC नई परिस्थितियों के लिए मौजूदा नियमों के तहत आगे की कार्यवाही करेगा.
वहीं, निर्वाचन आयोग ने कहा कि केरल हाईकोर्ट से दोष सिद्धि पर स्टे लगाए जाने के बाद फिलहाल उपचुनाव की जरूरत नहीं रह गई है.
दरअसल, आपराधिक मामले में पूर्व सांसद मोहम्मद फैज़ल की सजा के निचली अदालत के फैसले के बाद 13 जनवरी को लोकसभा महासचिव ने उनकी अयोग्यता की घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी कर दी थी. इसके बाद 18 जनवरी को निर्वाचन आयोग ने प्रेस नोट जारी करते हुए 27 फरवरी को उपचुनाव की घोषणा कर दी. जिसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
पूर्व सांसद फैजल को लक्षद्वीप की सत्र अदालत ने 11 जनवरी को हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी ठहराते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई थी. सजा के खिलाफ उन्होंने केरल कोर्ट में याचिका दाखिल की, जहां उनकी सजा पर केरल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी.
ये है मामला
मोहम्मद फैजल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद कांग्रेस नेता मोहम्मद सालिया पर हमले का आरोप था. आरोप था कि मोहम्मद सालिया पर भीड़ ने हमला कर मारपीट की थी जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. मोहम्मद फैजल पर भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप था. मोहम्मद सालिया का कई महीने उपचार चला था. इस मामले 32 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें से चार को दोषी करार दिया गया था. इनमें मोहम्मद फैजल भी थे.
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