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चुनाव में बांट दिए थे फर्जी बार कोड! हारने वाले प्रत्याशी ने लगाई याचिका, SC ने खारिज की

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ ने उस जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें कांग्रेस पार्टी के नेताओं और उनके एजेंटों पर 2023 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कई निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं को उपहार के लिए फर्जी बार कोड छपे प्लास्टिक के कार्ड बांटने का आरोप लगाया गया था.

सुप्रीम कोर्ट (File Photo) सुप्रीम कोर्ट (File Photo)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:58 AM IST

कर्नाटक के दो नेता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेताओं ने लोगों को बार कोड बांटे और कहा कि जीतने पर अगर इसे स्कैन किया जाएगा तो लोगों को आर्थिक भुगतान हो जाएगा. लेकिन बाद में यह बार कोड फर्जी निकले. इस मामले के खिलाफ बीजेपी के दो नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. हालांकि, SC ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. सर्वोच्च अदालत ने उन्हें सलाह दी है कि इस मामले को लेकर पहले वह हाई कोर्ट जाएं.

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चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ ने उस जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें कांग्रेस पार्टी के नेताओं और उनके एजेंटों पर 2023 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कई निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं को उपहार के लिए फर्जी बार कोड छपे प्लास्टिक के कार्ड बांटने का आरोप लगाया गया था.

HC का दरवाजा खटखटाने की सलाह

यह याचिका कर्नाटक चुनाव में हारे हुए दो उम्मीदवारों ने दायर की थी. दोनों ने विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. हालांकि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जेबी पारदीवाला की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए दोनों याचिकाकर्ता नेताओं गौतम गौड़ा एम और प्रसाद के आर को कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा.

क्या हम वहां जाकर जांच करें: SC

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मामले की सुनवाई के दौरान CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ताओं के वकील से पूछा,'इसमें हम अभी क्या कर सकते हैं? आपका दावा है कि चुनाव में पैसा बांटा जा रहा है तो क्या आप हमसे ये उम्मीद करते हैं कि अब हम वहां जाकर जांच करें? वहां पहले से ही पर्याप्त कानून हैं. इस विषय पर विस्तृत दिशा-निर्देश हैं. सबसे बढ़कर हाई कोर्ट है. आप पहले हाईकोर्ट जा सकते हैं. हाई कोर्ट के पास भी अपने न्यायाधिकार क्षेत्र के तहत इन मुद्दों से निपटने के लिए पर्याप्त शक्तियां हैं. याचिका खारिज की जाती है. आप उचित उपाय अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं.'

वितरित किए गए प्लास्टिक के उपहार कार्ड

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा,'अपनी याचिका में दोनों ने इस साल मई में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान 42 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन और भ्रष्ट आचरण अपनाने का आरोप विपक्षी राजनीतिक दल और उनके उम्मीदवारों पर लगाया. आरोप कर्नाटक में चुनाव से एक दिन पहले अब सत्तारूढ़ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं और उनके एजेंटों द्वारा किए गए कथित कृत्यों पर केंद्रित हैं. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि कांग्रेस की ओर से इस झूठे वादे के साथ प्लास्टिक उपहार कार्ड वितरित किए गए थे कि यदि कांग्रेस का उम्मीदवार चुनाव जीतता है तो मतदाता उस कार्ड पर छपे बार आर कोड के मुताबिक स्कैन कर एक एक निश्चित राशि का भुगतान प्राप्त कर सकते हैं. याचिकाकर्ताओं ने आगे आरोप लगाया कि बारकोड नकली निकले, जिससे उपहार कार्ड बेकार हो गए.'

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