
पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर फिलहाल किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा. यहां प्रदर्शन कर रहे किसानों के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के साथ बैठक जारी रखने का निर्देश दिया. गुरुवार को ही पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने किसानों के साथ हुई मीटिंग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी. यह मीटिंग एक दिन पहले (बुधवार) पटियाला में हुई थी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पंजाब से कहा है कि वह कमेटी के सदस्यों के लिए अगले तीन दिन में नाम सुझा दे. इस मामले में अब अगली सुनवाई 2 सितंबर को होगी.
दरअसल, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने शंभू बॉर्डर खोलने के निर्देश दिए थे, जिसके खिलाफ हरियाणा सरकार ने याचिका दाखिल की थी. इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा वह जल्द ही मुद्दों को हल करने के लिए औपचारिक रूप से समिति का गठन करेगी.
अधिकारियों ने की किसानों संग बैठक
कोर्ट ने दोनों राज्यों से अनुरोध किया कि वे किसानों को आश्वस्त करें कि कोर्ट एक ऐसा मंच बनाने के लिए इच्छुक है, जो किसानों तक पहुंचे और उन्हें मनाए. दोनों राज्यों के वकीलों ने अदालत को बताया कि दोनों राज्यों के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक हुई है.
समिति के सामने रखनी होगी अपनी बात
राज्यों के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने किसानों से हाईवे खोलने के लिए बातचीत की है. कोर्ट ने कहा कि समिति को भेजे जाने वाले मामलों का दायरा व्यापक होगा, ताकि कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने वाले मुद्दों को निष्पक्ष और न्यायपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके. राज्य के वकील न्यायालय से गठित की जाने वाली समिति के समक्ष प्रस्तावित मुद्दे प्रस्तुत करेंगे.
400 किसान अब भी शंभू बॉर्डर पर
बता दें कि पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से करीब 400 किसान अभी भी शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. हालांकि चावल की रोपाई के बाद अधिकांश किसान अपने खेतों में वापस लौट गए हैं. अदालत के आदेश से प्रदर्शनकारियों को राहत मिली है, जो कड़ाके की ठंड और चिलचिलाती धूप में डटे हुए हैं. शंभू बॉर्डर पर 5 महीने से चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान 2 दर्जन से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है. किसान यूनियनों ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वे अपना मार्च कब फिर से शुरू करेंगे.
किसानों की हैं ये मांगें
शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) कर रहे हैं. किसानों ने तीन प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग को लेकर शंभू रेलवे स्टेशन को जाम कर दिया था, लेकिन एक महीने बाद इसे खाली करा लिया गया. किसान यूनियनों की मांगों में दो दर्जन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, बुजुर्ग किसानों और मजदूरों के लिए मासिक पेंशन और कर्ज माफी शामिल हैं.