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Grishma Vekariya Murder: एकतरफा इश्क में लड़की का रेता गला... अब जज ने मनुस्मृति के श्लोक का जिक्र कर सुनाई फांसी की सजा

गुजरात के सूरत के चर्चित ग्रीष्मा वेकरिया मर्डर केस (Grishma Vekariya murder) में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. इस मामले में कोर्ट ने मनुस्मृति के श्लोक का जिक्र करते हुए हत्यारे को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट का फैसला आने के बाद ग्रीष्मा के पिता और भाई ने फैसले पर संतोष जताया है.

आरोपी फेनिल और ग्रीष्मा. (फाइल फोटो) आरोपी फेनिल और ग्रीष्मा. (फाइल फोटो)
संजय सिंह राठौर
  • सूरत,
  • 05 मई 2022,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST
  • सूरत में 12 फरवरी 2022 को कर दी गई ग्रीष्मा वेकरिया की हत्या
  • ग्रीष्मा के भाई और पिता ने अदालत के फैसले पर जताया संतोष

सूरत के चर्चित ग्रीष्मा वेकरिया मर्डर केस (Grishma Vekariya murder) में सेशंस कोर्ट का फैसला आ गया है. अदालत ने फेनिल गोयाणी को फांसी की सजा सुनाई है. फांसी की सजा सुनाने से पहले जज विमल व्यास ने मनुस्मृति के श्लोक का पढ़ा और उसका अर्थ समझाया. जज ने कहा कि सजा देना आसान नहीं है, लेकिन यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस है. हैरानी की बात यह है कि कोर्ट में सजा से पहले अदालत में मौजूद फेनिल के चेहरे पर किसी भी तरह का डर या अफसोस नहीं था.

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जानकारी के अनुसार, यह मामला गुजरात में सूरत के कामरेज थाना क्षेत्र अंतर्गत पासोदरा इलाके की लक्ष्मीधाम सोसायटी का है. यहां 12 फरवरी 2022 की शाम ग्रीष्मा वेकरिया नाम को छात्रा की उसके सहपाठी फेनिल गोयाणी ने एकतरफा प्रेम में चाकू से सरेआम गला रेतकर हत्या कर दी थी. फेनिल गोयाणी ने ग्रीष्मा वेकरिया का गला रेतने से पहले उसके भाई ध्रुव वेकरिया और उसके चाचा सुभाष वेकरिया पर भी हमला कर घायल कर दिया था.

Greeshma vekaria murder case: एक तरफा प्यार में हत्या से पहले AK-47 किया सर्च, वेब सीरीज देख रची थी मर्डर की साजिश

ग्रीष्मा वेकरिया की हत्या और उसके चाचा और भाई पर जानलेवा हमले के आरोपी फेनिल गोयाणी को पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद सूरत की कोर्ट में हर दिन सुनवाई हो रही थी. बचाव पक्ष और शिकायत पक्ष की लंबी दलीलों और पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किए सबूतों के बाद सूरत की कोर्ट ने आरोपी फेनिल गोयाणी को फांसी की सजा सुनाई है. फांसी की सजा सुनाने से पहले सूरत के सेशंस जज विमल व्यास ने मनुस्मृति के श्लोक का पढ़ा और उसका भावार्थ समझाया और उसके बाद अपना जजमेंट सुनाया.

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सूरत: जेल से फोन कर गवाह को धमकाया, एकतरफा प्यार में लड़की का गला रेतने का है आरोप

सूरत कोर्ट के मुख्य सरकारी वकील नयन भाई सुखड़वाला ने कहा कि ग्रीष्मा वेकरिया के हत्यारे फेनिल गोयाणी की फांसी की सजा के ऐलान के बाद ग्रीष्मा के भाई ध्रुव वेकरिया और पिता ने अदालती फैसले पर संतोष जताया और कहा कि उनकी बेटी को, बल्कि देश की बेटी को न्याय मिला है. ग्रीष्मा वेकरिया के पिता नंदलाल भाई ने जल्द से जल्द फांसी दिए जाने की मांग की. ग्रीष्मा के भाई ध्रुव वेकरिया ने भी सजा के ऐलान पर संतोष जताया.

सूरत रेंज के IG ने किया था SIT का गठन

ग्रीष्मा वेकरिया हत्याकांड की जांच के लिए सूरत रेंज आईजी राजकुमार पांडियन ने एक SIT का गठन किया था. जिस पर SIT ने ग्रीष्मा मर्डर केस की जांच शुरू की और अलग-अलग टीमें बनाकर अलग-अलग सबूत जुटाने शुरू किए थे. पुलिस ने आरोपी फेनिल गोयाणी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307 ,354बी, 342, 504 और 506 के तहत केस दर्ज किया था. इन सभी धाराओं के तहत सूरत की कोर्ट ने आरोपी फेनिल गोयाणी को दोषी ठहराया था. सूरत ग्रामीण पुलिस की चार्जशीट एसआईटी ने बहुत जल्द ही सूरत कोर्ट में दाखिल कर दी थी. 28 फरवरी 2022 से इस मामले में हर दिन सूरत की कोर्ट में सुनवाई हो रही थी. 7 अप्रैल 2022 को शिकायत पक्ष और बचाव पक्ष की सभी दलीलें पूरी हो गई थीं.

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कई दिन तक हत्याकांड को अंजाम देने के लिए रची थी साजिश

पुलिस ने इस मामले में मजबूती से जांच की. सबूत जुटाए, गवाह कोर्ट में पेश किए. इसके चलते आरोपी कोर्ट में दोषी साबित हुआ. सूरत पुलिस ने जांच में पाया था कि ग्रीष्मा वेकरिया की हत्या फेनिल गोयाणी ने सिर्फ 1 दिन के प्लान से नहीं की, बल्कि वह पिछले कई दिनों से इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए साजिश रच रहा था. इसके तहत उसने इंटरनेट से ak-47 भी सर्च की थी. कई हिंसक वेब सीरीज भी देखी थीं. इसके अलावा ग्रीष्मा की हत्या (Grishma Vekariya murder) करने के लिए उसने एक नहीं, बल्कि दो चाकू खरीदे थे. हत्या करने से पहले उसने अपने एक मित्र से चैट में हत्या को अंजाम देने की बात कही थी.

कॉलेज में रेकी की, ग्रीष्मा का पीछा किया... घर तक गया, फिर दिया वारदात को अंजाम

ग्रीष्मा की हत्या पूर्व आयोजित एक प्लान था. इसके तहत उसकी हत्या की गई. हत्या वाले दिन आरोपी फेनिल ग्रीष्मा के कॉलेज में रेकी करने भी गया था. उसका पीछा किया था, लेकिन ग्रीष्मा उसे नजरअंदाज कर अपने घर चली गई. इसके बाद आरोपी उसके पीछे-पीछे घर तक चला गया और वहां वारदात को अंजाम दिया था. आरोपी फेनिल गोयाणी के सीसीटीवी फुटेज सहित अनेक सबूत कोर्ट ने सच माने और तमाम सबूत और गवाहों के आधार पर सूरत के मुख्य न्यायाधीश विमल व्यास ने फांसी की सजा सुनाई. कोर्ट के फैसले के बाद सूरत रेंज आइजी राजकुमार पांडियन ने पुलिस की जांच को लेकर और कोर्ट के फैसले पर संतुष्टि जताई.

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फैसले के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट जाएंगे फेनिल गोयानी के वकील

ग्रीष्मा वेकरिया की हत्या और उसके भाई व चाचा पर हमला करने वाले फेनिल गोयाणी को सूरत की कोर्ट ने भले ही फांसी की सजा सुना दी हो, लेकिन फेनिल गोयानी के वकील जमीर भाई शेख इस सजा से संतुष्ट नहीं हैं और वह सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट जाएंगे. आरोपी फेनिल गोयाणी के वकील जमीर भाई शेख ने सूरत कोर्ट के जजमेंट पर कई सवाल खड़े किए हैं. सूरत कोर्ट ने आरोपी फेनिल गोयाणी को शातिर अपराधी माना. कोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली के निर्भया कांड और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड अजमल कसाब का हवाला देते हुए ग्रीष्मा की हत्या रेयरेस्ट ऑफ रेयर मानी है, लेकिन आरोपी के वकील मानने को तैयार नहीं हैं.

ग्रीष्मा वेकरिया की हत्या के बाद उठने लगे थे कानून व्यवस्था पर सवाल

सूरत में 12 फरवरी 2022 को ग्रीष्मा वेकरिया की हत्या (Grishma Vekariya murder) के बाद गुजरात की महिलाओं और युवतियों की सुरक्षा को लेकर एवं कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए थे. ग्रीष्मा की अंतिम यात्रा में हजारों लोग खुद शामिल हुए थे. ग्रीष्मा वेकरिया की हत्या के आरोपी को जल्द से जल्दी फांसी की सजा की मांग हो रही थी. सरकार ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया और कोर्ट में जल्दी ट्रायल शुरू करवाया. रोज सुनवाई हुई, इसके बाद आरोपी फेनिल गोयाणी को चार महीने के भीतर फांसी की सजा सुनाई गई.

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इस श्लोक के साथ सुनाई सजा

यत्र श्यामो लोहिताक्षो दण्डश्चरति पापहा ।
प्रजास्तत्र न मुह्यन्ति नेता चेत्साधु पश्यति ॥
यत्र श्यामः लोहिताक्षः दण्डः चरति पापहा ।
प्रजाः तत्र न मुह्यन्ति नेता चेत् साधु पश्यति ।।

भावार्थः जहां श्याम वर्ण एवं लाल नेत्रों वाला और पापों (पापियों) का नाश करने वाला ‘दण्ड’ विचरण करता है और जहां शासन का निर्वाह करने वाला उचित अनुचित का विचार कर दण्ड देता है, वहां प्रजा उद्विग्न या व्याकुल नहीं होती.

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