Advertisement

गुजरात: 14 साल की लड़की के साथ किया था रेप, कोर्ट ने दो आरोपियों को सुनाई ये सजा

गुजरात के वडोदरा में एक 14 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म (Minor girl raped) हुआ था. इस मामले में वडोदरा की कोर्ट (Vadodara court verdict) ने दो आरोपियों को आजीवन कैद की सजा सुनाई है. यह घटना साल 2019 में हुई थी.

कोर्ट ने 2 आरोपियों को दोषी मान सुनाई उम्रकैद की सजा. (Representative image) कोर्ट ने 2 आरोपियों को दोषी मान सुनाई उम्रकैद की सजा. (Representative image)
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 09 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:02 PM IST
  • वडोदरा नवलखी बलात्कार मामला
  • कोर्ट ने 50 हजार का जुर्माना भी लगाया

गुजरात के वडोदरा के नवलखी बलात्कार मामले में आज बुधवार को वडोदरा की कोर्ट (Vadodara court verdict) ने अहम फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा (Life sentence) सुनाई. कोर्ट ने किशन माथासुरिया और जशा सोलंकी को सबूतों के आधार पर दोषी घोषित मानते हुए सजा सुनाई. कोर्ट ने दोषियों को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाने के साथ ही 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

Advertisement

इस मामले में कोर्ट ने दोनों आरोपियों को पॉक्सो (POCSO Act) की धारा 6/1 के तहत भी दोषी माना है. सरकारी वकील ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की थी. इस मामले में दोनों आरोपियों की गिफ्तारी के बाद 45 दिनों में वडोदरा क्राइम ब्रांच ने जांच खत्म की थी. इस केस में स्पेशल सरकारी वकील नियुक्त कर केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट (fast track court) में चलाया गया. इसके बाद आज वडोदरा स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है.

अपने दोस्त के साथ बैठी थी लड़की

28 नवंबर 2019 के दिन 14 साल की उम्र की लड़की जब अपने दोस्त के साथ नवलखी ग्राउंड पर बैठी थी, उसी वक्त किशन माथासुरिया और जशा सोलंकी नाम के दो लड़कों ने लड़की के दोस्त को भगा दिया था. इसके बाद लड़की को धमकाकर ले गए और दुष्कर्म किया था. 

Advertisement

पुलिस ने 45 दिनों में पूरी की कार्यवाही

इस मामले में स्पेशल सरकारी वकील प्रवीण ठक्कर के मुताबिक, इस मामले में 45 दिनों में कार्यवाही पूरी कर 1500 पेज की चार्जशीट पुलिस के जरिए कोर्ट में पेश की गई. पुलिस ने 40 गवाह पेश किए थे, जिसमें सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई लड़की का 164 के तहत स्टेटमेंट लिया गया था.

कराया गया था DNA टेस्ट

सरकारी वकील प्रवीण ठक्कर ने बताया कि इस मामले में साइंटिफिक सुबूत भी मिले थे. जिसका DNA मैच होने की वजह से आरोपी के खिलाफ पुख्ता सुबूत थे. यही वजह थी कि सरकारी वकील ने इस मामले में आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement