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'देश की संप्रभुता के लिए खतरा', गुजरात सरकार का जबरन धर्मांतरण पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा

गुजरात सरकार ने कहा है कि जबरन धर्म परिवर्तन देश के लिए ना केवल एक बड़ा खतरा है बल्कि आम नागरिक के धार्मिक भरोसे और उसके धर्म का उल्लंघन है. मौलिक अधिकार के तहत किसी व्यक्ति को धोखाधड़ी, धोखे से, जबरदस्ती, प्रलोभन या ऐसे अन्य माध्यमों से धर्म परिवर्तित करने का अधिकार शामिल नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार का हलफनामा
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:37 PM IST

जबरन या लालच देकर धर्मांतरण कराने के मामले में गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. गुजरात सरकार ने देश मे  धर्मांतरण पर कड़े कानून बनाने की मांग का समर्थन किया है. अपने हलफनामे में गुजरात सरकार ने कहा कि उसने विधानसभा से राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए कानून पारित किया है.

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में कहा है कि संविधान में अपने धर्म का पालन और प्रचार करने की स्वतंत्रता के अधिकार में लोगों को बलपूर्वक या लालच देकर धर्म परिवर्तित कराने का मौलिक अधिकार शामिल नहीं है. धर्म पालन करने की स्वतंत्रता के अधिकार में अन्य लोगों को किसी विशेष धर्म में परिवर्तित करने का मौलिक अधिकार शामिल नहीं है.   

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गुजरात सरकार ने कहा है कि जबरन धर्म परिवर्तन देश के लिए ना केवल एक बड़ा खतरा है बल्कि आम नागरिक के धार्मिक भरोसे और उसके धर्म का उल्लंघन है. मौलिक अधिकार के तहत किसी व्यक्ति को धोखाधड़ी, धोखे से, जबरदस्ती, प्रलोभन या ऐसे अन्य माध्यमों से धर्म परिवर्तित करने का अधिकार शामिल नहीं है. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी टिप्पणी की थी कि जबरन धर्म परिवर्तन देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए खतरा है.

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