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गुजरात दंगे: तीस्ता सीतलवाड़ को आज भी नहीं मिली जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने की अहम टिप्पणी

गुजरात दंगे मामले में जमामत याचिका दायर करने वाली तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से आज भी राहत नहीं मिली है. कोर्ट अब कल फिर उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करने वाली है. वैसे कोर्ट ने गुरुवार को हुई सुनवाई में ये जरूर कहा है कि महिला राहत की हकदार है. ऐसी धाराएं नहीं लगी हैं जहां बेल ना मिल सके.

तीस्ता सीतलवाड़ को नहीं मिली जमानत तीस्ता सीतलवाड़ को नहीं मिली जमानत
अनीषा माथुर/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST
  • कोर्ट बोला- राहत की हकदार हैं तीस्ता
  • एसजी का तर्क- हाई कोर्ट में ये मामला लंबित

गुजरात दंगे मामले में गिरफ्तार हुईं तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीतलवाड़ की जमानत पर कोई फैसला नहीं दिया था और गुरुवार को फिर सुनवाई की बात कही थी. अब आज कोर्ट के सामने तीस्ता के वकील कपिल सिब्बल और एसजी तुषार मेहता ने अपनी दलीलें रखीं.

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किस मामले में हो रही सुनवाई?

कोर्ट ने इस मामले में आज भी तीस्ता को जमानत नहीं दी है. कल फिर दोपहर में इस मामले में सुनवाई होने जा रही है. अब जिस मामले में ये सुनवाई की जा रही है वो 2002 के गुजरात दंगे से जुड़ा हुआ है. तीस्ता पर आरोप है कि उन्होंने गवाहों को भड़काया था. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री (अब प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने की एसआईटी रिपोर्ट को चुनौती देने वाली जाकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि तीस्ता सीतलवाड़ अपने स्वार्थ सिद्ध करने में जुटी रहीं. कोर्ट ने संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार की ओर से झूठा हलफनामा दायर किए जाने का भी जिक्र किया था.

कोर्ट ने क्या कहा?

इसी मालमे में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा है कि तीस्ता पर कोई UAPA PPTA जैसे आरोप नहीं जिनमे जमानत ना दी जाए. ये साधारण सीआरपीसी, आईपीसी की धाराएं हैं. ये महिला अनुकूल फैसले यानी राहत की हकदार है. लेकिन कोर्ट की इन टिप्पणियों पर एसजी तुषार मेहता ने तर्क दिया कि ने सुप्रीम कोर्ट के कई पुराने फैसलों के मुताबिक भी सुप्रीम कोर्ट को जमानत पर फैसला करने से पहले हाईकोर्ट का फैसला भी देखना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट को इंतजार कर लेना चाहिए. ऐसे मामलों में सीधे एसएलपी सुनने से परहेज करना चाहिए.

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कल फिर होगी सुनवाई

लेकिन कोर्ट इस दलील से ज्यादा संतुष्ट दिखाई नहीं दिया. सवाल पूछ लिया गया कि पहले ऐसा कब हुआ है कि किसी महिला की जमानत याचिका पर इतने लंबे समय तक कोई फैसला ना लिया गया हो. सीजेआई ने कहा कि ये विशेष पीठ है. हम रोज विशेष पीठ में इसे नहीं सुन सकते. सॉलिसिटर जनरल कोई एक मुकदमा ऐसा बताएं जिसमें कोई महिला दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा की अभियुक्त कोई महिला छह हफ्ते से जेल में हो और जमानत अर्जी पर सुनवाई न हो पाए.

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