
मध्य प्रदेश के इंदौर की फैमिली कोर्ट ने कहा है कि बगैर किसी ठोस कारण के पति के साथ नहीं रहना और उसे प्रताड़ित करना क्रूरता है. इंदौर फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने एक पति की ओर से दायर की गई तलाक की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की है. कोर्ट ने पति की याचिका पर फैसला सुनाते हुए तलाक की मंजूरी दे दी.
पीड़ित पति के अधिवक्ता मनोज बिनीवाले ने इस संबंध में बताया कि साल 2018 में इंदौर के निवासी सिद्धेश्वर कुमार की शादी जयपुर की रहने वाली युवती के साथ हुई थी. जहां मैट्रिमोनियल साइट के जरिए दोनों का परिचय हुआ और फिर बात शादी तक पहुंची.
सिद्धेश्वर कुमार के वकील ने कहा कि शादी होने के ठीक बाद ही पत्नी का व्यवहार बिल्कुल बदल गया और शादी के अगले ही दिन उसने ये कह दिया कि वह किसी और के साथ रिलेशनशिप में है. वकील के मुताबिक नवविवाहिता ने साफ कह दिया कि वह आगे भी प्रेमी के संपर्क में रहेगी.
वकील ने कहा कि पति ने सबकुछ भुलाकर नया जीवन शुरू करने की बात कही लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आई. उन्होंने दावा किया कि पत्नी, अपने पति को शारीरिक और मानसिक रूप से लगातार प्रताड़ित कर रही थी. पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर पीड़ित पति ने साल 2020 में तलाक के लिए फैमिली कोर्ट में याचिका दाखिल की.
फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश प्राणेश कुमार ने पति के पक्ष में फैसला सुना दिया है. पीड़ित के अधिवक्ता मनोज बिनीवाले ने ये भी दावा किया कि महिला शराब पीकर पति के साथ मारपीट और बेवजह की कलह करती थी. महिला के परिजन भी पति को धमकाने लगे जिसके बाद उसने कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की.