
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में शुक्रवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत को लेकर सुनवाई है. सत्येंद्र जैन की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील हरिहरन ने उनकी सेहत के आधार पर जमानत पर रिहा करने की मांग की.
उन्होंने कहा कि जैन किसी कंपनी के मालिक नहीं हैं. उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी नहीं बनता है. वह जमानत के हकदार हैं. अब इस मामले में 5 नवंबर को सुनवाई हो गई. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सत्येंद्र जैन की जमानत पर अब ED अपनी दलीले पेश करेगी.
केस ट्रांसफर की याचिका वापस ली
दिल्ली हाई कोर्ट ने 11 अक्टूबर को ईडी की अपील पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने की अनुमति दे दी थी. हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सत्येंद्र जैन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की ओर से दाखिल याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया था. इस मामले को 31 अक्टूबर को सुनवाई होनी थी लेकिन सत्येंद्र जैन ने 18 अक्टूबर को केस ट्रांसफर की अर्जी वापस ले ली. उनके वकील से कहा कि जैन 150 दिनों से जेल में हैं. वह और देरी नहीं चाहते, इसलिए वह केस वापस लेना चाहते हैं.
अयोग्य घोषित की मांग करने वाले पर जुर्माना
सत्येंद्र जैन को विधायक और मंत्री के तौर पर अयोग्य घोषित करने की मांग के मामले में 14 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने याचिककर्ता से कहा था कि यह याचिका औचित्यहीन है और इस पर सुनवाई का कोई आधार नहीं है. साथ ही याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया था.
क्या है मनी लॉन्ड्रिंग का मामला?
ED ने 6 जून को दावा किया था कि एजेंसी ने 2.85 करोड़ कैश और सोने के 133 सिक्के (जिनका वजन 1.80 किलोग्राम है) सत्येंद्र जैन के करीबी के यहां से बरामद किए हैं. यह बरामदगी दिल्ली और एनसीआर में पूरे दिन चली छापेमारी के दौरान की गई.
इससे पहले ईडी ने सत्येंद्र जैन, पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत तमाम धाराओं में सीबीआई द्वारा 24 अगस्त 2017 को दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी.