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लोन फ्रॉड केस: ICICI बैंक की पूर्व CEO-MD चंदा कोचर और पति दीपक की मुश्किलें बढ़ीं, तीन दिन की CBI रिमांड में भेजे गए

सीबीआई ने शुक्रवार को वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का बैंक लोन देने के मामले में ICICI बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके दीपक कोचर गिरफ्तार कर लिया था. एजेंसी ने शनिवार को उन्हें विशेष कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें तीन दिन की सीबीआई रिमांड में भेज दिया गया है.

वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन देने का है मामला (फाइल फोटो) वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन देने का है मामला (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 24 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:38 PM IST

वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का बैंक लोन देने के मामले में गिरफ्तार ICICI बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके दीपक कोचर को मुंबई की विशेष कोर्ट ने तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया है. दरअसल दोनों को शनिवार को सीबीआई ने कोर्ट के सामने पेश किया था. एजेंसी ने दोनों की रिमांड की मांग की थी. इसके बाद उन्हें 26 दिसंबर तक के लिए हिरासत में भेज दिया गया. 

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आरोप है कि जब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाल रही थीं, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था. बदले में चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था.

10 साल पहले दिया गया था लोन

2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक द्वारा लोन दिया गया था. जो बाद में एनपीए हो गया और बाद में इसे "बैंक फ्रॉड" कहा गया. सितंबर 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. दरअसल, 2012 में, चंदा कोचर के नेतृत्व में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया और छह महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली मेसर्स सुप्रीम एनर्जी ने मैसर्स न्यूपावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ का लोन दिया, जिसमें दीपक कोचर की 50% हिस्सेदारी है.

कोचर दंपती की कंपनी में पैसा लगाने की डील!

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ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री, रिजर्व बैंक और सेबी को एक पत्र लिखकर वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की सीईओ व एमडी चंदा कोचर पर एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था. इसमें दावा है कि धूत की कंपनी वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया और इसके बदले धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी 'नूपावर' में अपना पैसा निवेश किया.

आरोप है कि इस तरह चंदा कोचर ने अपने पति की कंपनी के लिए वेणुगोपाल धूत को लाभ पहुंचाया. साल 2018 में यह खुलासा होने के बाद चंदा कोचर को बैंक से इस्तीफा देना पड़ा था. सीबीआई ने पहले फरवरी, 2018 में इस मामले में प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी.

2019 में दोनों के खिलाफ आई जांच रिपोर्ट

साल 2019 में आईसीआईसीआई की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही जस्टिस बी.एन. श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट आई. समिति ने अपनी जांच में पाया कि वीडियोकोन को कर्ज देने के मामले में कोचर ने बैंक की आचार संहिता का उल्लंघन किया है. कोचर की स्वीकृति पर इस कर्ज का कुछ हिस्सा उनके पति दीपक की मालिकाना हक वाली कंपनी को दिया गया.

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