
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को मिले आयकर विभाग के नोटिस के मामलों में पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. आयकर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह आसन्न लोकसभा चुनाव के कारण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से मांगे गए 3500 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कोई कदम नहीं उठाएगा. सुप्रीम कोर्ट अब 24 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगा.
यह मामला 2018 में कांग्रेस द्वारा दायर एक याचिका से संबंधित है, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें आयकर विभाग को 2011-2012 के लिए अपने आयकर का पुनर्मूल्यांकन करने की अनुमति दी गई थी. इस दौरान कांग्रेस पार्टी ने 28 मार्च के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लेख किया, जिसमें कर अधिकारियों द्वारा उसके खिलाफ चार साल की अवधि के लिए कर पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही शुरू करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था.
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अब तक मिल चुका है 3567 करोड़ का नोटिस
हाई कोर्ट द्वारा याचिकाएं खारिज करने के एक दिन बाद कांग्रेस को आयकर विभाग से 1800 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है. बाद में तीन और नोटिस भेजे गए जिसमें आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस से अब तक कुल 3,567 करोड़ रुपये के कर की मांग की जा चुकी है.
उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने राजनीतिक दलों को मिलने वाली कर छूट समाप्त कर दी है और पार्टी पर कर लगा दिया है. सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसियों द्वारा छापे के दौरान कांग्रेस के कुछ नेताओं से जब्त की गई डायरियों में की गई ‘‘तीसरे पक्ष की प्रविष्टियों’’ के लिए भी कांग्रेस पर कर लगाया गया है.
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आयकर विभाग ने लिया था एक्शन
मुख्य विपक्षी दल ने शुक्रवार को कहा था कि उसे आयकर विभाग से नोटिस मिला है, जिसमें करीब 1,823 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया है. कर अधिकारियों ने पिछले वर्षों से संबंधित कर मांग के लिए पार्टी के खातों से 135 करोड़ रुपये पहले ही निकाल लिये हैं.
कांग्रेस ने 135 करोड़ रुपये की कर मांग के खिलाफ अदालत का रुख किया था और इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. पार्टी इस संबंध में आयकर अपीलीय अधिकरण और उच्च न्यायालय से कोई राहत पाने में विफल रही थी.